संत गरीब दास (1717-1778) अपना भक्ति आ कविता खातिर जानल जालें।  गरीब दास एगो विशाल संग्रह के रचना कइले बाड़न जवन साद ग्रंथ साहब के नाम से मशहूर बा।  गरीब दास साहेब सद्गुरु कबीर साहेब के अमृत के बखान कइले बाड़न, जेकरा के रत्नसागर भी कहल जाला।  अच. ऐ. रोज  के अनुसार गरीबदास के अमर ग्रंथ साहिब किताब में 7000 कबीर छंद लिहल गइल रहे आ 17000 के रचना खुद गरीब दास कइले रहलें।  गरीबदास के ई दर्शन रहल कि राम आ रहीम में कवनो अंतर नइखे। [1] बाबा गरीबदास के समाधि स्थल आजुओ हरियाणा के गाँव छुडानी आ उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर में सुरक्षित बा।  13 साल के उमिर में संत गरीब दास जी भगवान कबीर से व्यक्तिगत रूप से भेंट कइले रहले, आ उनुका के आपन ज्ञान बतवले रहले।

संदर्भ संपादन करीं

  1. Glossary of the Tribes and Castes of the Punjab and North West Frontier Province By H. A. Rose, IBBETSON, Maclagan, p. 841