गाँव

छोट आबादी वाला बस्ती, देहाती इलाका के बस्ती

गाँव मानव बस्ती या समुदाय के एगो समूह होखेला। गांव pe kisan babut important haiके जनसंख्या कुछ सौ से कुछ हजार ले हो सकत बा। गांव ज्यादातर देहाती क्षेत्र में होखेला लेकिन शहरी गांव कुछ शहरी मुहल्लान खातिर प्रयोग हो सकत बा। गाँव हालांकि स्थायी होखेला लेकिन कुछ अस्थायी गाँव भी देखल जा सकत बा। गाँव में घर कुल एक दूसरा के नजदीक आ बहुत सटल हो सकेला। परम्परागत रूप से गाँवन में शहरन की अपेक्षा कम सुविधा कुल (शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि की) उपलब्ध होखेला।

राजस्थान में स्थित एगो गाँव के दृश्य
गाँव

पहिले, समाज में समुदाय के सामान्य रूप होत रहल गाँव जहां लोग जीविकोपार्जन खेती करत रहल लोग, गांव अइसन भी समाज के सामान्य रूप रहल जहां खेती-पाती ना होत रहल। कई संस्कृति में कस्बा या गांव के संख्या कम रहल, कुछ अनुपात में मात्र लोग शहर में रहत रहले। ओद्योगिक क्रांति बड़हन मात्रा में लोग के आकर्षित कइलस मिलफैक्ट्री कुल में काम करे खातिर। इ वजह से गाँव कुल कस्बा या शहर में बदले लागल। शहरीकरण लगातार बढ़े लागल, यद्यपि शहरीकरण हमेशा ओद्योगिकरण के वजह से मात्र ना बढेला।

हालांकि कई तरह के गांव मौजूद बाड़ी सन। ठेठ गांव छोट होत रहली सन, जे में 5 से 30 परिवार कुल रहत रहल। सामाजिक आ सुरक्षा कारण के चलते गांव में घर कुल एक साथ आस-पास होत रहली सन। गांव के चारों तरफ के जमीन पर खेती होत रहल।