गोइँठाचाहे गोंइठा जानवरन के गोबर (गाय या भइँस के मल) में भूसा, भूसी, चाहे सूखल पुआरस वगैरह के मिला के बनावल एगो लवना (ईंधन या जलावन) होला। एकरा के हिंदी में उपला आ अवधी में कंडा के नाम से जानल जाला। पुरा उत्तरी भारत की देहाती इलाका में बनावल जाला।

पंजाब की मोगा जिला की एगो गाँव में गोइँठा के गोहरउल

एही के चापट गोलाई के आकार में बनल रूप के चिपरी चाहे थेपली कहल जाला जेवन हाली से सूखि के जरावे खातिर तइयार हो जाले।

बनावे के तरीका

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गोबर के प्राकृतिक परित्यक्त पदार्थ जैसे सुखल पतई भूसा आदि के मिला के मनपसनद आकार में पाथी के सुखावल जाला आ जरावे खाती उपयोग कइल जाला।