गोथिक कला मध्यकालीन यूरोप के कला के एगो इस्टाइल हवे जे उत्तरी फ्रांस के इलाका में तकरीबन 12वीं सदी में रोमनेस्क कला से जनमल आ पूरा पच्छिमी यूरोप आ मध्य आ पूरबी यूरोप के कुछ हिस्सन में फइल गइल; एकर सभसे बेसी परभाव गोथिक आर्किटेक्चर के रूप में देखे के मिले ला। 14वीं सदी में, ढेर सुघराव लिहले, इंटरनेशनल गोथिक कला के बिकास भइल जे 15वीं सदी ले जारी रहल। 16 सदी ले ई कला पर्भावशाली रहल जबतक ले कि रेनासां कला (पुनर्जागरण के जमाना के आर्ट) में ई समाहित ना भ गइल।

Western (Royal) Portal
The Western (Royal) Portal at Chartres Cathedral (ca. 1145)-these architectural statues are the earliest Gothic sculptures and were a revolution in style and the model for a generation of sculptors.

शुरूआती गोथिक कला के नमूना बिसाल आ भारी-भरकम आर्किटेक्चर रहल। ईसाई कला के प्रवृत्ति धर्मवादी रहे जेह में बाइबिल के पुराना आ नया टेस्टामेंट के कथा सभ के देखवल गइल। एही दौर में अपने आप सेकुलर कला (जे धर्म के परभाव से अलग रहल) के बिकास भी भइल।

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