चंद्रगुप्त मौर्य जे यूनान मे सेंट्रोकोटस नांव से प्रचलित रहन मगध के राजा आ मौर्य साम्राज्य के संस्थापक रहन। चन्द्रगुप्त के सम्राट बने से पहिले सिकंदर उत्तर पक्खिम भारत प चढ़ाई कइले रहे। ई जैन धरम के मानत रहन। यूनानीलैटिन मे हिनकर नांव "संद्रोकोटोस" आ "अंद्रोकोटोस" लिखल बाटे।

चंद्रगुप्त मौर्य
चंद्रगुप्त मौर्य के मुरती
नया जमाना में बनावल चंद्रगुप्त के मूर्ती
पहिला मौर्य सम्राट
Reignल॰ 321 – c. 297 BCE[1][2]
Successorबिंदुसार (बेटा)
Died297 BC[2]
श्रावणबेलगोला, कर्नाटक (जैन परंपरा अनुसार)[3]
Spouseदुर्धरा, आ सेल्यूकस निकेटर के एगो बेटी
Issueबिंदुसार
Dynastyमौर्य
Motherमुरा[4][5] या रानी मालावती
Religionब्राह्मण धर्म[4] बाद में जैन धर्म[6]

चंद्रगुप्त भारत के इतिहास के एगो महत्वपूर्ण बेकत बाड़न। हिनकर सम्राट बने से पहीले सिकंदर उत्तर पक्खिम भारत प आक्रमन कइले रहे। चंद्रगुप्त आपन राज स्थापित कइलन आ आपन राज मे दोसर राज सभ मे मिलइलन। यूनानी राजा सभ हिनकरा ले जुध करे से भागत रहन, सेल्योक्स १ निकेटर हिनकरा ले आपन धीया के बियाह कऽ देले रहन।

जिनगीसंपादन

चंद्रगुप्त के जिनगी के जानकारी जैन, बुद्ध, हिन्दू आ यूनानी लेखन मे मिलेला, बाकिर सभन के कथा तनी अलगा बाटे।[7] हीनकरा दिया क्रमबद्ध जानकारी देवे अला ग्रंथ निम्नलिखित बाड़ऽसन:[8]

 
संसद भवन मे लागल चंद्रगुप्त मौर्य के मुरूती
  • यूनानी आ रोमन स्त्रोत, जेवन सभ से पुरान स्त्रोत बाड़ऽसन जे चंद्रगुप्त मौर्य दिया जानकारी देवेला। एहमे मेगस्थनीज, नियरकोस, ओनेसीक्रिटस, अरिस्टोबुलस, डायडोरस, एरियन, प्लिनी, प्लुटार्क आ जस्टिन लेख आवेलऽसन।
  • हिन्दू लेख जइसे की पुराण आ अर्थशास्त्र बादि मे गहाईल विशाखदत्त के मुद्राराक्षस, सोमदेव के कथासरित्सागर, क्षेमेंद्र के बृहटकथामंजरी।

जस्टीन के छोड़ के कोनो यूनानी चाहे रोमन लेखक सीधा चंद्रगुप्त के नांव नइखे लेले। ऊ लोग नन्द सभ दिया बात कइले बा। जस्टीन लिखले बाड़न जे चंद्रगुप्त चाणक्य संगे नंद सभ के हरइले रहन।[9]

संदर्भसंपादन

  1. उद्धरण खराबी:Invalid <ref> tag; no text was provided for refs named britchandrag
  2. 2.0 2.1 Upinder Singh 2016, p. 331.
  3. Mookerji 1988, p. 40.
  4. 4.0 4.1 Asha Raj Kumari (1996). Ancestry and achievements of Chandragupta Maurya, in Prajñā-bhāratī. K.P. Jayaswal Research Institute. pp. 112–113. OCLC 655222361.
  5. Upinder Singh 2016, p. 330.
  6. Mookerji 1988, pp. 40–41.
  7. मुखर्जी 1988, pp. 2–14, 229–235.
  8. मुखर्जी 1988, pp. 3–14.
  9. Mookerji 1988, pp. 5–7.