जीवक
जीवक प्राचीन भारत में, मगध के राजा बिंबिसार आ उनके बाद में अजातशत्रु के समय में एगो बैद्य रहलें। इनके जीवक कुमारभच्च के नाँव से भी जानल जाला। ई राजा बिंबिसार आ गौतम बुद्ध के बैद रहलें।
Jīvaka Komārabhacca/Kumārabhṛta | |
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Religion | Buddhism |
Known for | Indian traditional medicine, Thai massage |
Alma mater | Takṣaśilā |
Other names | Medicine King, Thrice-crowned Physician, Kumārabhūta[1] |
Personal | |
Nationality | Indian |
Born | Rājagṛha, Magadha |
Died | Rājagṛha, Magadha |
Parents | Father: Unidentified (Pāli tradition), Prince Abhaya (Dharmaguptaka tradition) or King Bimbisāra (other textual traditions); mother: Salāvatī (Pāli tradition) or Āmrapālī (other textual traditions)[2] |
Religious career | |
Guru | The Buddha, Ātreya Punarvasu |
Profession | Physician, healer |
Post | Personal physician to the Buddha, King Bimbisāra, and King Ajātaśatru |
कथा के मोताबिक जीवक के जनम के बाद जंगल में बिग दिहल गइल रहे जहाँ से बिंबिसार के बेटा अभय इनके पा गइलेन। इनके बैदकी के पढ़ाई तक्षशिला में भइल रहे। इनके बारे में एगो अउरी कहानी चलन सार हवे कि जब इनसे गुरु पुछलें कि बन में जा के कौनों अइसन पौधा ले आवऽ जवना के बैदकी खाती कौनों महत्व न होखे, तब अंत में जीवक के उत्तर रहल कि अइसन कौनों पौधा ना बाटे।[3]
कुछ बिद्वान लोग इहो तर्क देला के जब बिंबिसार द्वारा जीवक के गौतम बुद्ध के निजी बैद बनावल गइल, बहुत सारा लोग उनसे इलाज करवावे खाती बौद्ध बन गइलें।[4]
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ Malalasekera 1960, Jīvaka.
- ↑ Salguero 2009, p. 187.
- ↑ Arun Kumar Biswas (2001). History, Science, and Society in the Indian Context: A Collection Papers. Asiatic Society. ISBN 978-81-7236-103-7.
- ↑ Ajit K. Dalal (20 June 2016). Cultural Psychology of Health in India: Well-being, Medicine and Traditional Health Care. SAGE Publications. pp. 45–. ISBN 978-93-5150-981-3.
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