ढोला-सदिया पुल, ऑफिशियल नाँव भूपेन हजारिका पुल, भारतीय राज्य आसाम में ब्रह्मपुत्र नदी के सहायिका लोहित नदी पर बनल पुल बा जे आसाम आ अरुणाचल प्रदेश के कनेक्टिविटी बेहतर बनावे खातिर बनावल गइल बा। ई पुल 26 मई 2017 के आवागमन खातिर खोल दिहल गइल आ अब ई भारत के सभसे लंबा पुल बाटे।[1] ए पुल के कुल लंबाई 9.15 किलोमीटर बाटे आ ई एशिया के दूसरा सभसे लंबा पुल भी बा।[2] हालाँकि, जल्दिये, बिहार में गंगा नदी पर महात्मा गाँधी सेतु के जगह लेवे खातिर बन रहल नया गंगा पुल जे 9.8 किलोमीटर के लंबाई वाला प्रस्तावित बा[3], भबिस्य में भारत के सबसे लमहर पुल होखी।

ढोला-सदिया पुल
Dhola-Sadiya bridge
लोकेशन27°47′55″N 95°40′34″E / 27.79861°N 95.67611°E / 27.79861; 95.67611निर्देशांक: 27°47′55″N 95°40′34″E / 27.79861°N 95.67611°E / 27.79861; 95.67611
पार करे लालोहित नदी (ब्रह्मपुत्र नदी के सहायक)
जगहतिनसुकिया, आसाम, भारत
ऑफिशियल नाँवभूपेन हजारिका पुल
नाँवधराईभूपेन हजारिका
मेंटेनेंससड़क परिवहन मंत्रालय आ नवयुग इंजीनियरिंग कं॰ लि॰
(पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में)
बिसेसता
कुल लंबाई9.15 किमी (5.69 मील)
चौड़ाई12.9 मी (42 फीट)
सभसे लमहर खंड50 मी (160 फीट)
खंड सं.183
इतिहास
बनावे सुरूनवंबर 2010
पूरा भइल10 मार्च 2017
खोलल गइल26 मई 2017

निर्माण आ खर्चा संपादन करीं

पुल के काम मनमोहन सिंह सरकार के योजना के रूप में[4] साल 2011 में सड़क परिवहन अउरी हाइवे मंत्रालय द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के साथ मिल के शुरू कइल गइल।[5] पुल के दिसंबर 2015 में चालू हो जाए के रहल बाकी फिनिशिंग के काम में बहुत अकाज भइल। एह प्रोजेक्ट पर कुल खर्चा 10 बिलियन रुपया के बइठल आ पुल के निर्माण में साढ़े चार बरिस के समय लागल। ई भारत के बांद्रा-वर्ली समुंद्री लिंक के पुल से 3.55 किलोमीटर ढेर लमहर बाटे आ आ बन अब भारत के सभसे लमहर पुल बा।[6]

ढोला-सदिया पुल परियोजना के कुल लंबाई दूनों तरफ के सड़कन के मिला के कुल 28.50 किलोमीटर बाटे आ पुल के लंबाई 9.15 किलोमीटर बा।[7]

पुल के उद्घाटन 26 मई 2017 के भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कइल गइल।

लाभ संपादन करीं

आसाम आ अरुणाचल प्रदेश के बीच में संपर्क के बीच ब्रह्मपुत्र नदी के बहुत बिसाल चौड़ाई अबतक ले बाधक रहल बा। वर्तमान में जहाँ ई पुल बनल बा, नदी पार करे के तरीका नाइ द्वारा रहल हवे आ इहो खाली दिन में, आ बाढ़ के समय नाइ भी ना चलत रहल हियऽ। ब्रह्मपुत्र नदी पर आसाम में बनल अंतिम पुल तेजपुर के कालियाभोमोरा पुल रहल। अब आसाम आ अरुणाचल के बीच एह नया पुल के बन जाए से 24x7 संपर्क सुनिश्चित हो जाई।

एह पुल के बने से नेशनल हाइवे-37 पर मौजूद आसाम के रूपाई आ नेशनल हाइवे-52 पर मौजूद अरूणाचल प्रदेश के मेका/रोईंग के बीच 165 किलोमीटर के दूरी कम हो जाई आ वर्तमान में जहाँ ई दूरी पार करे में 6 लागे ला, आगे से 1 लागी आ रोज-रोज पेट्रोल आ डीजल में लगभग 10 लाख रूपया के बचत होखी।

ढोला-सदिया पुल के बन जाए से पूर्वोत्‍तर में विकास में तेजी आई, सुदूर आ पिछड़ा इलाका भी सड़क मार्ग से जोड़े के मोका मिली आ अरूणाचल प्रदेश के सीमा वाला क्षेत्र में देस के सामरिक जरूरत सभ के भी पूरा करी; राज्य में चल रहल कई पनबिजली परियोजना सभ के सुभीता से बनावे में मददगार होखी।[7]

इहो देखल जाय संपादन करीं

संदर्भ संपादन करीं

  1. "देश का सबसे लंबा पुल ढोला-सादिया जिस पर टैंक भी गुजर सकते हैं". बीबीसी. Retrieved 26 मई 2017.
  2. "ढोला-सादिया पुल से जुड़ी पूर्वोत्तर भारत की उम्मीदें". डायेचविले (dw). 26 मई 2017. Retrieved 26 मई 2017.
  3. "Bihar New Ganga Bridge Project | Asian Development Bank" (अंग्रेजी में). Adb.org. 2016-06-24. Retrieved 2017-05-25.
  4. तालुकदार, सुशांत (20 फरवरी 2011). "Centre committed to development of Assam, northeast: Manmohan". दि हिंदू. Retrieved 26 मई 2017.
  5. "A bridge too far". दि टेलीग्राफ (कलकत्ता). 7 अप्रैल 2015. Retrieved 25 जून 2015.
  6. Longest bridge in India provides a quick link to LAC
  7. 7.0 7.1 "Press Information Bureau Hindi Releases". Pib.nic.in. Retrieved 2017-05-25.