धम्मपद
धम्मपद[1] बौद्ध काथा सभ के सइत के लिखल एगो ग्रंथ हऽ जेकरा बौद्ध जाना सभसे बेसि पढ़ेलन लोग। ई बुद्ध के वचन सभ के पद में लिखल ग्रंथ हवे। मूल धम्मपद थेरवाद बौद्ध शाखा के पाली ग्रंथावली के खुद्दक निकाय के हिस्सा हवे।
ई बौद्ध धर्म के सभसे बेसी पढ़ल जाए वाला पद हवें। बौद्ध बिद्वान बुद्धघोष के मानल ई बा कि ई पद सभ में निहित बचन अलग-अलग समय पर बुद्ध द्वारा कहल-बतावल गइलें जब उनके जिनगी आ संघ में बिबिध किसिम के दसा पैदा भइल जहाँ का कइल जाय ई बतावे के जरूरत रहल।
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ See, e.g., the Gāndhārī Dharmapada (GDhp), verses 301, 302, in: Brough (1962/2001), p. 166; and, Ānandajoti (2007), ch. 4, "Pupphavagga" (retrieved 25 November 2008 from "Ancient Buddhist Texts" at http://www.ancient-buddhist-texts.net/Buddhist-Texts/C3-Comparative-Dhammapada/CD-04-Puppha.htm).
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