नमामि गंगे
गंगा नदी में प्रदूषण के रोकथाम खातिर एगो प्रोग्राम
नमामि गंगे (Namami Gange Programme; शाब्दिक अरथ: गंगा के (हम) परनाम करत बानी) भारत सरकार के एगो प्रोग्राम बा जे जून 2014 में सुरू कइल गइल।[1] ई इंटीग्रेटेड संरक्षण मिशन[नोट 1] के तहत चलावल जा रहल बा। एकर मुख्य उद्देश्य गंगा नदी में प्रदूषण (गंगा प्रदूषण) के कम कइल बा। एह प्रोग्राम के तहत एक्के साथे लगभग तीन सौ प्रोजेक्ट सभ के सुरुआत साल 2016 में भइल।[3]
ई भारत के परधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में सुरू कइल गइल। हालाँकि, कैग (CAG) के एगो रपट के बाद एह परियोजना पर बिबादो भइल। एह रपट में बतावल गइल रहे कि एह प्रोजेक्ट के धनराशि में से भारी मात्रा में हिस्सा खर्चा ना भइल रहे।[4]
एकरा खातिर जर्मनी के एगो संस्था के साथे समझौता भी भइल रहल।[5]
इहो देखल जाय
संपादन करीं- गंगा प्रदूषण (चाहे गंगा नदी में प्रदूषण)
नोट
संपादन करींसंदर्भ
संपादन करीं- ↑ नमामि गंगे, मुख्य सरकारी वेबसाइट, nmcg.nic.in पर।
- ↑ "स्वच्छ गंगा परियोजना". hindi.mapsofindia.com. Retrieved 15 मई 2018.
- ↑ सिंह, अजय. "नमामि गंगे योजना के तहत आज देशभर में 231 परियोजनाओं की हुई शुरुआत". NDTVIndia. Retrieved 15 मई 2018.[मुर्दा कड़ी]
- ↑ "नमामि गंगे कोष के लगभग 25,00 करोड़ रुपये नहीं हुए इस्तेमाल: कैग". thewirehindi.com. भाषा. 20 दिसंबर 2017. Retrieved 15 मई 2018.
- ↑ "नमामि गंगे के लिए भारत और जर्मनी के बीच समझौता". जनसत्ता (हिंदी में). भाषा. 14 अप्रैल 2016. Retrieved 15 मई 2018.
बाहरी कड़ी
संपादन करीं- राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, ऑफिशियल वेबसाइट।
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