नरगिस मोहम्मदी
नरगिस सफ़ी मोहम्मदी (फारसी: نرگس سفیه محمدی ; जनम 21 अप्रैल 1972)[2] ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता, वैज्ञानिक आ नोबेल शांति पुरस्कार क विजेता बाड़ी। उ शिरीन एबादी के नेतृत्व में "डिफेंडर्स ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर (डीएचआरसी)" के उपाध्यक्ष बाड़ी।[3] मई 2016 में तेहरान में "फाँसी के सजा खतम करे खातिर अभियान चलावे वाला मानवाधिकार आंदोलन" के स्थापना आ संचालन के आरोप में इनके 16 साल के जेल के सजा सुनावल गइल।[4]
नरगिस सफी मोहम्मदी | |
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Born | |
Nationality | ईरानी |
Other names | नरगिस सफ़ी मोहम्मदी |
Occupation | मानवाधिकार कार्यकर्ता |
Spouse | तागी रहमानी (बि. 2001) [1] |
Children | 2 |
Awards | Alexander Langer Award (2009) Andrei Sakharov Prize (APS) (2018) नोबल पुरस्कार विजेता (2023) |
"ईरान में औरतन पर उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई आ सभका खातिर मानवाधिकार आ आजादी के बढ़ावा देवे खातिर" नार्वे के नोबल समिति के द्वारा नरगिस मोहम्मदी के साल 2023 खातिर नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित कइल बा।[5]
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ Farangis Najibullah (27 फरवरी 2008). "Iran: Activist 'Dynamic Duo' Fight for Human Rights". Radio Free Europe/Radio Liberty. Retrieved 10 March 2017.
- ↑ मुहम्मद साहिमी (10 मई 2012). "राष्ट्रवादी, धार्मिक, आ संकल्पित : नरगिस मोहम्मदी". PBS. Archived from the original on 29 जून 2012. Retrieved 31 अक्टूबर 2012.
- ↑ सईद कामली देहघन (26 अप्रैल 2012). "ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी क गिरफ्तारी". The Guardian. Archived from the original on 15 जून 2012. Retrieved 31 अक्टूबर 2012.
- ↑ सईद कामली देहघन (24 मई 2016). "संयुक्त राष्ट्र ईरानी कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी के सोलह साल के जेल के सजा के निंदा कइलस". दि गार्जियन. Retrieved 11 जनवरी 2019.
- ↑ शैलेश कुमार शुक्ला. "नोबल शांति पुरस्कार: 31 बरिस जेल आ 154 कोड़ा... ईरान क बहादुर महिला नरगिस मोहम्मदी के मिलल सर्वोच्च सम्मान". नवभारत टाइम्स. Retrieved 8 अक्टूबर 2023.
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