पार्वती पहाड़ी महाराष्ट्र के पुणे शहर के चउहद्दी के भीतर एगो छोट खन पहाड़ी बाटे। ई समुंद्र तल से 2,100 फीट (640 मी) ऊँच बाटे आ पुणे के सभसे बेहतरीन सीन देखे लायक जगहा हवे जहाँ से शहर के पैनोरमा देखलाई पड़े ला आ ई पुणे के दुसरा सभसे ऊँच अस्थान हवे, वेताल पहाड़ी के बाद। पहाड़ी के सभसे ऊपर देवी पार्वती के एगो मंदिर बा जेवना के चलते एकर नाँव परल हवे। ई मंदिर पुणे से सभसे पुरान धरोहर हवे आ पेशवा बंस के शासन के दौरान बनावल गइल रहल।[1] मंदिर ले चढ़ के चहुँपे खाती 103 गो सीढ़ी बाड़ी स।
बतावल जाला कि ई पहाड़ी पहिले तावरे नाँव के एगो पाटिल के अधिकार में रहे जिनका से पेशवा लोग एकरा के कीन लिहल। देवी तावरे के कुलदेवी बतावल जाली जिनका परताप से पेशवा के महतारी काशीबाई एक बेर घाही होखले के बाद नीक भइली। एकरा बाद से पेशवा इहाँ रेगुलर जाए लगलें आ पहाड़ी कीन के इहाँ मंदिर बनववलें। मुख्य मंदिर, शिव के देवदेवेश्वर मंदिर हवे जे दक्कन के बेसाल्ट वाला करिया पाथर से बनल हवे। शिव मंदिर पेशवा बालाजी बाजी राव के समय में 1749 में पूरा भइल। एह दुनों के अलावा विट्ठल, रुक्मिणी, विष्णु आ कार्तिकेय के मंदिर बाने।