पितरपख
पितरपख (संस्कृत: पितृपक्ष) कुआर महीना के अन्हरिया वाला पाख के कहल जाला जे भादों के पुर्नवासी के अगिला दिन से सुरू हो के कुआर के अमौसा ले रहे ला आ एह समय के दौरान हिंदू लोग अपना पितर लोग के तिथी मनावे ला आ सालाना श्राद्ध करे ला। एकरा के पितृपक्ष, आ सोलह श्राद्ध के नाँव से भी जानल जाला।
पितरपख | |
---|---|
मनावे वाला | हिंदू |
प्रकार | हिंदू |
मनावे के तरीका | 16 चंद्रमा तिथी |
Observances | श्राद्ध |
सुरू | भादो के पुर्नवासी |
अंत | कुआर के अमौसा |
समय | सितंबर/अक्टूबर |
संबंधित बा | पितर (पूर्वज) लोग के तर्पण |
एह अवधि के हिंदू लोग अशुभ माने ला, काहें से की एह में मौत आ मर चुकल लोग के पूजा (श्राद्ध) के बिधान हवे। एही कारण कई तरह के शुभ कामकाज एह दौरान बंद रहे ला। एकरे अंतिम तिथी के भोजपुरी क्षेत्र में पितरसउनन कहल जाला, जबकि अन्य क्षेत्रन में सर्वपित्री अमावस्या, पितृ अमावस्या, पेद्दल अमावस, महालय अमावस्या भा महालय कहल जाला। महालय से बंगाल में दुर्गा पूजा के सुरुआत मानल जाला। अगिला दिन से नवरातर के सुरुआत हो जाला।
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ "2016 Shraddha Days". दृक पञ्चांग.
ई हिंदू धर्म-संबंधी लेख एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |