पितरपख (संस्कृत: पितृपक्ष) कुआर महीना के अन्हरिया वाला पाख के कहल जाला जे भादों के पुर्नवासी के अगिला दिन से सुरू हो के कुआर के अमौसा ले रहे ला आ एह समय के दौरान हिंदू लोग अपना पितर लोग के तिथी मनावे ला आ सालाना श्राद्ध करे ला। एकरा के पितृपक्ष, आ सोलह श्राद्ध के नाँव से भी जानल जाला।

पितरपख
बाणगंगा पोखरा के किनारे पितरपख के नहान आ जल दिहल, 7 सितंबर 2007
मनावे वालाहिंदू
प्रकारहिंदू
मनावे के तरीका16 चंद्रमा तिथी
Observancesश्राद्ध
सुरूभादो के पुर्नवासी
अंतकुआर के अमौसा
समयसितंबर/अक्टूबर
संबंधित बापितर (पूर्वज) लोग के तर्पण
जगन्नाथ घाट हुगली नदी के किनारे पितरपख के नहान, कोलकाता 2012-10-15

एह अवधि के हिंदू लोग अशुभ माने ला, काहें से की एह में मौत आ मर चुकल लोग के पूजा (श्राद्ध) के बिधान हवे। एही कारण कई तरह के शुभ कामकाज एह दौरान बंद रहे ला। एकरे अंतिम तिथी के भोजपुरी क्षेत्र में पितरसउनन कहल जाला, जबकि अन्य क्षेत्रन में सर्वपित्री अमावस्या, पितृ अमावस्या, पेद्दल अमावस, महालय अमावस्या भा महालय कहल जाला। महालय से बंगाल में दुर्गा पूजा के सुरुआत मानल जाला। अगिला दिन से नवरातर के सुरुआत हो जाला।

  1. "2016 Shraddha Days". दृक पञ्चांग.