पुरुष संस्कृत आ प्राचीन उत्पत्ति वाला अर्थ में वैश्विक मनुष्य खातिर इस्तेमाल होखे। सामान्य भाषा में ई आदमी खातिर या पति खातिर भी इस्तेमाल होला। छोट लड़िका जब बड़ हो जाला त ओहू के पुरुष कहल जा सकेला।

व्याकरण में पुरुष कौनों क्रिया क कर्ता कर्म आदि के बतावे खातिर भी होला।

पुरुष का पहिला बिस्तार में बिबेचना पुरुष सूक्त में मिलेला।