प्राइवेसी के अधिकार भा राइट टू प्राइवेसी (Right to privacy) एगो कानूनी अधिकार ह जे सरकार भा कवनो अउरी दूसर पार्टी के, केहू आम ब्यक्ति के प्राइवेसी (एकांतता भा निजता) के खतरा या नोकसान चहुँपावे से रोके ला। ई अधिकार दुनिया के करीब 150 से ज्यादा संबिधान सभ में बर्णित बाटे।[1]

हाल में, भारत में एह अधिकार पर बहस हो रहल बा[2], मामिला सुप्रीम कोर्ट के सोझा बाटे आ नौ गो जज लोग के बेंच एह मामिला पर बिचार क रहल बा।[3]

मरियम वेबस्टर डिक्शनरी के अनुसार, "(राइट ऑफ प्राइवेसी) केहू ब्यक्ति के निजी मामिला में (बिना अधिकार बाहरी) प्रवेश भा (निजी चीज के) पब्लिसिटी से आजाद रहे के अधिकार ह[नोट 1]। एकर परिभाषा कई तरह से दिहल जाले, हालाँकि भारत के सुप्रीम कोर्ट में चालू एगो सुनवाई के दौरान कोर्ट के कहनाम रहल कि ‘राइट टू प्राइवेसी' के एक ठो मूलभूत अधिकार माने से पहिले एकरा के सही तरह से परिभाषित कइल जरूरी होखी आ निजता यानि प्राइवेसी के सगरी तत्वन के बिल्कुल ठीक तरह से परिभाषित कइल लगभग असंभव बा। जस्टिस चंद्रचूड़ एह मामिला में कहलें कि प्राइवेसी के कवनो भी परिभाषा दिहल जाय, असल में एह तरीका से प्राइवेसी के दायरा किकुर के छोटे होखी।[3]

इहो देखल जाय

संपादन करीं
  1. the right of a person to be free from intrusion into or publicity concerning matters of a personal nature" - Merriam-Webster.[4]
  1. https://www.constituteproject.org/search?lang=en&key=privacy
  2. "किस देश में कितनी सुरक्षित है नागरिकों की सूचना". dw.com/hi (हिंदी में). रेडियो डायेचविले. Retrieved 28 जुलाई 2017.
  3. 3.0 3.1 "निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं". dw.com/hi (हिंदी में). रेडियो दायेचविले. 19 जुलाई 2017. Retrieved 28 जुलाई 2017.
  4. https://www.merriam-webster.com/legal/right%20of%20privacy