फाइटोप्लैंकटन (अंग्रेजी: Phytoplankton) समुंद्र आ अउरी जलभंडार सभ में पावल जाए वाला सूछ्म बनस्पति हवें जे सुरुज के रोशनी में आपन भोजन खुदे फोटोसिंथेसिस के तरीका से बनावे लें आ एह तरीका से पानी वाला इकोसिस्टम में ई भोजन उत्पादक के काम करें लें, बहुत सारा पनिहा जीवजंतु अपना भोजन के रूप में एही सूछ्म बनस्पति के खालें। ई बहुत सूछ्म होलें आ पानी में पँवरत रहे लें आ धारा के मोताबिक बहत रहें लें।

छोट छोट समुद्री बनस्पति जे पानी में पँवरत बाटे
कई किसिम के फाइटोप्लैंकटन सभ के एगो झुंड

पानी वाला इकोसिस्टम में भोजन उत्पादन करे वालन के अलावा फाइटोप्लैंकटन सभ के महत्व एह बात खातिर बा कि ई भारी मात्रा में ऑक्सीजन पैदा करें लें आ कार्बनडाइऑक्साइड के निपटारा करे लें। एही से हाल के रिसर्च सभ में ई दावा भी कइल गइल बाटे कि अगर जलवायु में बदलाव भइल आ समुंद्र सभ के तापमान में बढ़ती भइल तब एकरा चलते फाइटोप्लैंकटन सभ में भारी कमी आ जाई आ पृथिवी पर ऑक्सीजन के भारी कमी हो जाई।[1]

संदर्भ संपादन करीं

  1. Welle (www.dw.com), Deutsche. "ऑक्सीजन को तरस जाएगी धरती | DW | 05.12.2015". DW.COM (हिंदी में). Retrieved 9 अप्रैल 2021.