बाँगरखादर भारत के मैदान में पावल जाए वाला थलरूप बा। मैदानी हिस्सा में नदी के बाढ़ के मैदान में नदी के ठीक लगे वाला इलाका जहाँ बाढ़ के पानी हर साल पहुँच जाला - खादर कहाला। एही खादर से ऊँच जमीन जहाँ बाढ़ के पानी ना पहुँचे ला ऊ बाँगर कहाला।

उत्तर भारत के सिंधु गंगा के मैदान के दुआबा वाला इलाका में खादर जमीन (हरियर) नदी से सटल हिस्सा ह, जबकी बाँगर जमीन (ऑलिव ग्रीन) नद्दी से दूर ऊँच हिस्सा ह।

खेती के हिसाब से देखल जाय त बाँगर जमीन कम उपजाऊँ होखे ला आ एह में माटी में कंकर (चूना के फार्मेशन) होला आ ई कम उपजाऊँ होखे ले।

आम टेक्स्ट बुक सभ में इनहन में नीचे दिहल अंतर बतावल जालें:[1][2]

  1. बाँगर ऊँच हिस्सा ह, जहाँ हर साल बाढ़ी के पानी ना पहुँच पावे ला - खादर हर साल पानी में बूड़ जाला।
  2. बाँगर कम उपजाऊँ होला - खादर क जमीन बेसी उपजाऊँ होखे ले।
  3. बाँगर में चूना-प्रधान सरचना कंकड़ (कैल्केरियस नोड्यूल्स) पावल जालें - खादर के माटी में चीका माटी (क्ले) बेसी होखे ले।


  1. Khullar, D.R. Geography Textbook-Hindi. New Saraswati House India Pvt Ltd. p. 2-PA20. ISBN 978-93-5041-242-8. Retrieved 12 May 2024.
  2. Mamoria, C.; Garg, H.S.; Publications, S. (2021). भूगोल Geography Class XI by Dr. Chaturbhuj Mamoria Dr. H. S. Garg ( SBPD Publications ). Latest (हिंदी में). SBPD Publications. p. 1-PA22. Retrieved 12 May 2024.