बारकोड चाहे बार कोड डेटा के विजुअल (देखलाई पड़े वाला), मशीन द्वारा पढ़ल जा सके लायक रूप में सहेजे आ परदर्शित करे के तरीका हवे। बार कोड में शुरुआत में डेटा के अलग-अलग चौड़ाई के, अलग-अलग स्पेसिंग वाला आ साइज के लाइन सभ द्वारा सहेजल जाय। हालाँकि, अब एकरा के एक-डाइमेंशन वाला बारकोड कहल जाला जिनहन के बारकोड रीडर नाँव के उपकरण द्वारा स्कैन कइल जा सके ला। बाद में अइसन बार कोड सभ के बिकास भइल जे चौकोर चारखाना, डॉट, आ हेक्सागन (षट्भुज) द्वारा डेटा स्टोर करे लगलें जिनहन के दू-डाइमेंशन वाला (टू-डी) भा मैट्रिक्स बारकोड कहल जाला। टू-डी बार कोड सभ के डिजिटल कैमरा द्वारा स्कैन कइल जा सके ला। इनहन के सभसे चलनसार उदाहरण क्यूआर कोड बाड़ें जे मोबाइल डिवाइस जइसे कि स्मार्टफोन द्वारा स्कैन कइल जा सके लें।

एगो यूपीसी-ए (UPC-A) बारकोड।

बारकोड के आबिस्कार नार्मन जोसेफ वुडलैंड आ बर्नार्ड सिल्वर द्वारा अमेरिका में कइल गइल आ 1952 में पेटेंट करावल गइल। ई इनवेंशन मूर्स कोड पर आधारित रहल जे मोट आ पातर लाइन से बनल रहे। एह आबिसकार के सफल तरीका से चलन में आवे में बीस साल लागल। बारकोड सभ कामर्शियल तरीका से सफल भइलें जब सुपरमार्केट सभ में चेकआउट सिस्टम के रूप में इनहन के इस्तेमाल शुरू भइल। अब अइसन बारकोड यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड वाला बारकोड के रूप में देखलाई पड़े लें। पहिला यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड (यूपीसी) 1974 में रिंगले के चिलगम के पैकेट पर छपल रहे। क्यूआर कोड सभ आजकाल के समय में बहुत पापुलर भइल बाड़ें खासतौर से स्मार्टफोन के चलन के बाद। इनहन के सभसे चलनसार इस्तेमाल डिजिटल पेमेंट करे में बाटे।

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