भारत में भ्रष्टाचार एगो प्रमुख मुद्दा आ समस्या बा जेकरे कारण भारत के अर्थब्यवस्था पर खराब परभाव आ केंद्र, राज्य आ लोकल स्तर पर सरकारी एजेंसी सभ के बिस्वसनीयता में कमी देखे में आवे ला। एकरे कारण खाली अइसन ना बा कि भारत के अर्थब्यवस्था नया ऊंचाई पर पहुंचे में बिफल हो रहल होखे बलुक भारी पैमाना पर भ्रष्टाचार से भारत के बिकास भी बुरा तरीका से परभावित हो रहल बा।

एगो अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल द्वारा साल 2005 में कइल गइल अध्ययन में दर्ज कइल गइल कि 92%से ज्यादा भारतीय लोग कबो-न-कबो दफ्तर सभ में काम करावे खाती घूस दिहले बा।[1][2] एही संस्था के साल 2008 में कइल अध्ययन में ई बात सोझा आइल कि लगभग 50% लोग के खुद अपना हाथे घूस देवे के अनुभव बा।[3]

भ्रष्टाचार के लोग केतना महसूस क रहल बा ओकरे आधार पर रैंक दे के बनावल जाए वाली सूची करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में साल 2016 में भारत बिस्व के 176 देसन के लिस्ट में 79वाँ जगह पर रहल।[4][5]

  1. Transparency International – the global coalition against corruption, Transparency.org, archived from the original on 2011-07-24, retrieved 7 अक्टूबर 2011
  2. "India Corruption Study 2005: To Improve Governance: Volume I – Key Highlights New Delhi" (PDF). Transparency International India. 30 जून 2005. pp. 1–3. Archived from the original (PDF) on 11 अगस्त 2013.
  3. "India Corruption Study – 2008" (PDF). Transparency International. 2008. Archived from the original (PDF) on 2012-06-19. Retrieved 2017-11-09.
  4. India improves its ranking on corruption index - The Hindu BusinessLine
  5. "Corruption Perception Index 2016". Archived from the original on 2017-01-25.