महामृत्युंजय मंत्र
ऋग्वेद के ऋचा आ हिंदू धर्म में एगो प्रमुख मंतर
महामृत्युंजय मंत्र (अंग्रेजी: महामृत्युञ्जयमन्त्रः; अरथ: 'मउअत पर बिजय करे वाला महा मंतर') चाहे रुद्र मंत्र भा त्र्यंबक मंत्र, एगो वैदिक मंत्र ह। ई ऋग्वेद के ऋचा हवे आ ओहिजे सातवाँ मंडल में (ऋक् 7.59.12) आइल बाटे। ई ऋचा त्रयंबक के संबोधित बा जिनका के शैव मत में शिव के रूप में चिन्हित कइल जाला। एकरा अलावे ई यजुर्वेद के तैत्तिरीय संहिता में आवे ला (यजु. तैत्त. 1.8.6)।[1][2][3] VS 3.60[4])
मंतर
संपादन करींसंस्कृत भाषा में ई मंत्र नीचे दिहल तरीका से लिखल जाला:
- ॐ त्र्य॑म्बकं यजामहे सु॒गन्धिं॑ पुष्टि॒वर्ध॑नम् ।
उ॒र्वा॒रु॒कमि॑व॒ बन्ध॑नान् मृ॒त्योर्मु॑क्षीय॒ माऽमृता॑॑त् ।।[5]
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ Anantashastri; et al. kr̥ṣṇa-yajurvēdīya taittirīya-saṁhitā कृष्ण-यजुर्वेदीय तैत्तिरीय-संहिता [Taittiriya Samhita of the Krishna Yajurveda] (Sanskrit में). pp. ५२.
- ↑ Bashyam, Vijayaraghavan (4 July 2005). "Taittiriya Samhita - Edited by Vijayaraghavan Bashyam - Book 1 Chapter 8" (PDF) (Sanskrit में). Archived (PDF) from the original on 22 April 2021. Retrieved 7 August 2021.
- ↑ Keith, Arthur Berriedale (1914). The Veda of the Black Yajus School entitled Taittiriya Sanhita - Part 1 : Kandas I-III Translated from the Original Prose and Verse. Princeton Theological Seminary Library. Cambridge, Mass. : The Harvard university press. p. 118.
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: CS1 maint: date and year (link) - ↑ "Vajasneyi Madhyandina Samhita Adhyaya – 03". Vedic Heritage (Sanskrit में). Archived from the original on 25 July 2020. Retrieved 7 August 2021.
- ↑ Rg Veda with Sayana's Commentary Part 3 (English में).
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