भगवान महावीर भा वर्धमान, जैन धर्म के चउबीसवाँ तीर्थंकर रहलें। इनके जनम परंपरागत रूप से छठईं सदी ईसा पूर्व में भइल मानल जाला। वर्तमान बिहार के वैशाली जिला के आ तत्कालीन वज्जि महाजनपद के राजधानी वैशाली नगर के लगे कुंडग्राम में इनके जनम भइल मानल जाला।

महावीर
24वाँ जैन तीर्थंकर
श्री महावीरजी, राजस्थान में मुर्ती
दूसर नाँववीर, अतिवीर, वर्धमान
Venerated inजैन धर्म
Predecessorपार्श्वनाथ
चीन्हासिंह[1]
लंबाई7 हाथ (10.5 फीट) (परंपरागत)
उमिर72 बरिस
पेड़शाल
Complexionसोनहरा
Personal information
जनमल॰ 497 BCE (इतिहासी)[2][3]
ल॰ 599 BCE (परंपरागत)[2]
कुंडग्राम, प्राचीन वैशाली, वज्जि (अब के वैशाली जिला, बिहार, भारत)
निधनल॰ 425 BCE (इतिहासी)[2][3]
ल॰ 527 BCE (श्वेतांबर)[2]
ल॰ 510 BCE (दिगंबर)[2]
पावापुरी, मगध (अबके बिहार, भारत)
माई-बाबूजी
  • सिद्धार्थ (father)
  • त्रिशलादेवी (mother)

30 बरिस के उमिर में ई संसार त्याग के ज्ञान के खोज में निकललें आ केवल ज्ञान के प्राप्त करे के बाद अहिंसा, सत्य आ अस्तेय के शिक्षा दिहलें; 72 बरिस के उमिर में पावापुरी में इनके निधन भइल।

परंपरागत मान्यता अनुसार इनके जनम चइत सुदी तेरस के भइल रहे जे आज्काल्ह महावीर जयंती के रूप में मनावल जाला।

संदर्भ संपादन करीं

  1. Tandon 2002, p. 45.
  2. 2.0 2.1 2.2 2.3 2.4 Dundas 2002, p. 24.
  3. 3.0 3.1 Taliaferro & Marty 2010, p. 126.