मिंटो पार्क (अंग्रेजी: Minto Park) भा सरकारी नाँव मदन मोहन मालवीय पार्क इलाहाबाद में एक ठो पब्लिक पार्क बाटे।[1] शहर के दक्खिनी हिस्सा में यमुना नदी के किनारे मौजूद ई पार्क अपना इतिहासी महत्व खातिर प्रसिद्द बाटे। 1 नवंबर 1858 के लार्ड कैनिंग अहिजे से रानी विक्टोरिया के मशहूर घोषणापत्र पढले रहलन।[2] एही घोषणापत्र द्वारा आधिकारिक रूप से भारत पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के अंत भइल आ भारत ब्रिटिश क्राउन के अधीन भइल। ओह समय इहाँ एक ठो बड़हन मैदान रहल जहाँ एह घोषणा खातिर दरबार लगावल गइल। बाद में इहाँ पार्क बनावे के फैसला भइल आ 1910 में लार्ड मिंटो अहिजा एक ठो चीन्हा के रूप में सफ़ेद संगमरमर के खंभा लगववलें[3] आ पार्क खोल दिहल गइल। बाद में एह ऊपरी हिस्सा के बदल दिहल गइल आ अब एह पर चार शेर के निशान वाला भारत के वर्तमान राजचिह्न बा।[2]

मदन मोहन मालवीय पार्क
मिंटो पार्क
Typeपब्लिक पार्क
Locationइलाहाबाद
Founderलॉर्ड मिंटो
Open1910
Statusसाल भर खुला
  1. "Minto Park". Uptourism.gov.in. 2015-10-26. Retrieved 2016-07-29.[मुर्दा कड़ी]
  2. 2.0 2.1 Sanjeev Sanyal (15 November 2012). Land of seven rivers: History of India's Geography. Penguin Books Limited. pp. 201–202. ISBN 978-81-8475-671-5.
  3. Himanshu Prabha Ray (7 August 2014). The Return of the Buddha: Ancient Symbols for a New Nation. Routledge. pp. 178–. ISBN 978-1-317-56006-7.