मेंहदार मंदिर
मेंहदार मंदिर भा महेन्द्रनाथ मंदिर बिहार के सिवान जिला के सिसवन प्रखंड (सिसवन ब्लॉक) में स्थित एगो मंदिर ह, जे के गांव के लोग मेंहदार मंदिर भी कहेला लोग। काहे की ई मंदिर मेंहदार गांव में पड़ेला। मेंहदार शब्द महेन्द्रनाथ के अपभ्रंश मानल जाला। ई मंदिर सिवान शहर से 32 किमी पूरब में पड़ेला। महेन्द्रनाथ मंदिर भगवान शिव जी के मंदिर ह जँहवा लोग शिवरात्रि आ अन्य दिन दर्शन-पूजा खातिर आवेला। ई मंदिर के बगल में एगो 551 बिघा में फैलल सरोवर बा जे के कामलदाह सरोवर के नाम से जानल जाला। अहिजा विश्वकर्मा भगवान के साथ साथ गणेश भगवान, मां पार्वती, हनुमान, भगवान राम, सीता, कालभैरव, बटुक भैरव भगवान लोग के मूर्ति भी स्थापित बा। महाशिवरात्रि पर अहिजा लाखों के संख्या में भक्त लोग आवेला। दिन भर उत्सव चलेला आ शिव विवाह के आयोजन भी होखेला।
महेन्द्रनाथ | |
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नाँव | |
अन्य नाँव | मेंहदार |
भूगोल | |
देश | भारत |
State/province | बिहार |
जिला | सिवान |
क्षेत्र | सिसवन |
संस्कृति | |
प्रमुख देवता | शिव |
प्रमुख तिहुआर/उत्सव | महाशिवरात्रि |
भवन शैली | |
शैली | 17वी शताब्दी |
मंदिर संख्या | 1 |
इतिहास
संपादन करींमान्यता बा सैकड़ों वर्ष पहिले नेपाल के राजा महेंद्र वीर बिक्रम शाह देव कुष्ठ रोग (कोढ़) से पीड़ित रहले। उ एहि रास्ता से होके जंगले-जंगल के बीच से वाराणसी यात्रा पर जात रहले। यात्रा के दौरान रात के समय उ एहि जंगल में आराम करे के मन बनवले। रात के नींद में राजा महेंद्र के शिव के दर्शन भइल। शिव जी कहले अहिजा एगो छोट तालाब बा, ओ में नहा के लगही के पीपल के पेड़ के पास एगो शिवलिंग दबल बा, ओ शिवलिंग के बाहर निकाल! राजा सबेरे उठले आ तालाब में नहा के शिव जी के निकाल के जलाभिषेक कइले त राजा के कुष्ठ रोग ठीक हो गइल। एहि से खुश हो के राजा महेंद्र ओहिजा मंदिर बनववले आ तालाब के 551 बिघा में विस्तार करववले।[1]
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ "धार्मिक पर्यटक स्थल है मेंहदार का महेंद्रनाथ मंदिर". दैनिक जागरण. 2 April 2014. Retrieved 16 February 2018.