मेहराब

खड़ा-खड़ी आधा गोलाई के ढाँचा जे दूनों किनारा के अलम सभ के ऊपर बनल होला आ जेकरे ऊपर वजन हो सके ला चाह

मेहराब (अंग्रेजी: arch, आर्च ) एगो गोलाईदार ढाँचा होला जे आमतौर पर वजन के सपोर्ट करे खातिर बनावल जाला। खड़ा-खड़ी दू गो अलम भा खम्हा के बीचा में गोलाईदार मेहराब के ऊपर से पुल बनावे चाहे ऊपर देवाल बनावे के पुरान इतिहास रहल बा आ अइसन मेहराबदार पुल बहुत पुराना समय से बन रहल बाड़ें।

A masonry arch
  1. Keystone
  2. Voussoir
  3. Extrados
  4. Impost
  5. Intrados
  6. Rise
  7. Clear span
  8. Abutment

हालाँकि, मेहराब के ऊपर कौनों वजन होखल जरूरी ना बा। हमेशा ई गोलाई में होखे इहो जरूरी ना बा बलुक गोथिक इस्टाइल के मेहराब अक्सर बीचा में नोकदार होखें।

खड़ा-खड़ी (वर्टिकल) के अलावा मेहराब बेड़ा-बेंड़ी भी बनावल जा सके ला जइसे कि मेहराबदार बंधा में। ई बंधा अइसन मेहराब के रूप में बनावल जालें कि ऊ पानी के वजन के रोक सके ला।

प्राचीन भारत के भवन-निर्माता लोगन के मेहराब के ज्ञान रहल। हालाँकि, इतिहासकार लोगन में एह बात पर बिबादो बा आ कुछ लोग ई साबित करे ला कि मेहराब के ज्ञान भारत में सिकंदर के जमाना में आइल।[1] कुछ लोगन के मानल ई बा कि भारत में पहिली बेर बैज्ञानिक तरीका से मेहराब के इस्तेमाल सल्तनत काल में भइल।[2]

  1. Singh, Upinder (24 फरवरी 2020). Pracheen Bharat ki Avdharna: Dharm, Rajeenti evam Puratatva par Nibandh (हिंदी में). SAGE Publishing India. ISBN 978-93-5388-397-3.
  2. Singh, Vipul (2008). Bhartiya Itihas: Pragtihais (हिंदी में). Pearson Education India. ISBN 978-81-317-0891-0.