रोमिला थापर
रोमिला थापर (जनम 30 नवंबर 1931) एगो भारतीय इतिहासकार बाड़ी। इनके अध्ययन के प्रमुख बिसयक्षेत्र प्राचीन भारत बाटे, ई एगो अइसन क्षेत्र हवे जेह में इनके बिसेसग्य्ता बा। थापर नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर एमेरिट बाड़ी।
रोमिला थापर | |
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Born | |
Alma mater | पंजाब इन्वर्सिटी SOAS University of London (PhD) |
Occupations | इतिहासकार, लेखिका |
Known for | भारत के इतिहास के बारे में लेखन |
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Awards | Honorary doctorates University of Chicago, University of Oxford, Institut National des Langues et Civilisations Orientales, Paris, University of Edinburgh, the University of Calcutta, University of Hyderabad, Brown University, University of Pretoria. Inaugural holder, Kluge Chair in Countries and Cultures of the South, US Library of Congress; Foreign Honorary Member of the American Academy of Arts and Sciences, winner John W Kluge Prize for the Study of Humanity, 2008. |
थापर के खास योगदान उत्तरी भारत में पहिला मिलेनियम ईसा पूर्व के दौर में बदलाव के समझे खातिर सामाजिक-ऐतिहासिक तरीका के प्रयोग बा। जइसे-जइसे वंश आधारित भारत-आर्य चरागाह के समूह गंगेटिक मैदान में आ गइलें, ऊ लोग जाति आधारित राज्य सभ के प्रारंभिक रूप के निर्माण कइल। महाकाव्य रामायण आ महाभारत, इनके बिस्लेषण में, एह बात के विगनेट पेश करे लें कि कइसे ई समूह आ अउरी लोग निष्ठा के नया, अउरी जटिल, रूप सभ के बातचीत कइल जेह में स्तरीकरण, शुद्धता आ बहिष्कार के भूमिका अगर अबहिन ले तरल होखे तब भी ढेर रहल।
थापर स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज, लंदन के ऑनररी फेलो बाड़ी, जहाँ उहाँ के पीएच.डी. 1958 में, आ अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज के बिदेसी मानद फेलोशिप मिलल। साल 2008 में रोमिला थापर यूएस लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस के क्लूगे प्राइज, ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज में लाइफटाइम अचीवमेंट खातिर पवली।
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