टाइटिल लेख के पहिचान हवे। विकिपीडिया लेख के टाइटिल चीन्हल-पहिचानल, आसानी से बुझाये वाला, पर्याप्त रूप से संछिप्त, तटस्थ आ अन्य संबंधित लेख सभ के साथ आ विकिपीडिया के अस्थापित परंपरा के साथे एकरूपता लिहले होखे के चाहीं। जहाँ एह सगरी चीज सभ के एक साथ रखे में कुछ दिक्कत होखे, भरसक बैलेंस बनावल जाय आ इनहन में से अधिकतम चीज के सामिल करे के कोसिस रहे के चाहीं।

लेख के टाइटिल पर बिचार करे लायक चीज संपादन करीं

लेख के टाइटिल एह आधार पर होखे के चाहीं कि कइसे ई भोजपुरी में ओह बिसय के संबोधित कइल जा रहल बा; एकरा खाती भोजपुरी के लिखित संदर्भ आ सभ्य भोजपुरी के चलन के धियान में रखे के चाहीं। कई बेर अइसन हो सके ला कि कवनो बिसय के एक से बेसी तरह से टाइटिल लिखल जा सकत होखे या चलन में होखे, अइसन दसा में विकिपीडियन लोग तर्क आ बिबेक आधारित आपसी सहमती से टाइटिल बीछ सकत बा, मने की विकिपीडिया के आम सहमती वाला प्रक्रिया के पालन कइल जाए के चाहीं; आम सहमती के प्रक्रिया में भाषा दिसानिर्देस आ तर्क के धियान में रख के निर्णय लिहल जाई, न की वोटिंग से।

एगो बढ़ियां आ सटीक टाइटिल में नीचे दिहल चीज सभ के बीचा में बेहतरीन बैलेंस होखे के चाहीं:

  • चिन्हारू – टाइटिल जानल पहिचानल होखे, तुरंत बिसय के पता चल जाय।
  • तटस्थ – होखे, कौनों खास किसिम के बायस भा झुकाव न लिहले होखे।
  • सटीक – होखे ताकि निर्बिबाद रूप से लेख के बिसय के चीन्हल जा सके आ अउरी मिलत-जुलत बिसय से बिलग पहिचान सहजता से हो जाय।
  • संछेप – में होखे, बेमतलब लमहर न बनावल जाय बलुक बाकी चीज के धियान में रखते समय छोट-से-छोट संभव टाइटिल बीछल जाय।
  • एकरूपता – बाकी के बिसय आ अन्य टाइटिल के साथे एकरूपता रखत होखे; कंसिस्टेंट होखे।

ऊपर दिहल ई लच्छन नियम ना हवें बलुक एक तरह से हासिल करे लायक लक्ष्य भा मकदस हवें। इनहन में आपसी बैलेंस के कोसिस रहे के चाहीं। जरूरत पड़े पर अनुप्रेषण बनावल जा सके लें।

आम चलन के नाँव संपादन करीं

विकिपीडिया के लेख आ टाइटिल आम प्राकृतिक भाषा में रखल जाए के चाहीं आ सभसे ऊपर एह मामिला में आम चलन के दिहल जाए के चाहीं। इहो धियान देवे के बात बा कि विकिपीडिया कौनों "ऑफिशियल नाँव" के जरूरी तौर पर इस्तेमाल करे अइसन ना बा बलुक सभसे चलनसार नाँव के सभसे ढेर वरीयता दिहल जाला (जइसन कि बिस्वास जोग, तिसरहा पार्टी के संदर्भ सभ में इस्तेमाल होखत होखे; या आम सभ्य भोजपुरी समाज में चलन में होखे)।

ई तय कइल मुश्किल हो जाय कि कवन नाँव निर्बिबाद रूप से बेसी चलन में बा, ऑफिशियल वाला कि आम इस्तेमाल वाला, एह दसा में विकिपीडिया के आम सहमती के प्रक्रिया के पालन कइल जाए के चाहीं आ तबो निर्णय न हो पावे पर भी खाली ऑफिशियल होखे के कारन कौनों नाँव के वरीयता ना दिहल जाई आ एह अनिर्णय के स्थिति में आम इस्तेमाल आ चलन वाला नाँव के लिखल जाई न की ऑफिशियल वाला के। कई बेर, कौनों जगह के नाँव में सरकारी भा ऑफिशियल तौर पर बदलाव होखे के बाद तुरंते कुछ लोग माँग उठा सके ला कि लेख के नाँव बदलल जाय। अइसन माँग के स्वीकार करे के बजाय आम चलन के नाँव के नीति के साथ चलल जाई काहें कि कौनों ऑफिशियल नाँव बदलाव के ब्यापक चलन में आवे में कई बेर सालन लाग जाला। कई बेर त ऑफिशियल नाँव आम चलन में अइबे ना करे ला, भले लिखे में इस्तेमाल होखल भी ब्यापक हो जाय - जइसे कि: 'बनारस' के नाँव 1965 में बदल के 'वाराणसी' कइल गइल रहे, जबकि आजो भोजपुरी इलाका के ब्यक्ति एकरा बनारसे कहि के बोलावें लें; मुंबई में सालन से मरीन ड्राइव के ऑफिशियल नाँव नेताजी सुभाषचंद्र बोस मार्ग हवे बाकी मय लोग एकरा के एकरे पुरनका नाँव मरीन ड्राइव के नाँव से जाने चीन्हे आ बोलावे ला।

कबो अइसनो हो सके ला कि एकही बिसय खाती कई गो नाँव बरोबर चलन में होखें चाहे एकही नाँव के कई गो बिसय होखें आ ई तय कइल मुश्किल हो जाय कि कवन नाँव निर्बिबाद रूप से बेसी चलन में बा चाहे कौनों नाँव कवना बिसय से मुख्य रूप से संबंधित बा। एहू दसा में निर्णय खाती आम सहमती के इस्तेमाल कइल जा सके ला। एकदम अनिर्णय के स्थिति में लेख के निर्माण के समय के स्थिति चाहे बिबाद से ठीक पहिले के स्थिति बरकरार रखल जाई (इनहनों दूनो में बिबाद होखे तब इनहना में बाद वाला रखल जाई)। टाइटिल के कवन बिसय मुख्य रूप से जुड़ल बा एकरा में एकदम अनिर्णय के स्थिति में बहुअर्थी पन्ना बना दिहल जाई आ अलग-अलग अर्थ वाला टाइटिल के ब्रैकेट में अउरी जानकारी जोड़ के टाइटिल बना लिहल जइहें।

आम चलन के नीचे कुछ उदाहरण दिहल गइल बाड़ें:

लोग
जगह
  • अमेरिका (न कि यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका या संयुक्त राज्य अमेरिका)
  • गाजीपुर (न कि ग़ाज़ीपुर)

भोजपुरी भाषा में होखे संपादन करीं

ई विकिपीडिया के भोजपुरी संस्करण हवे जेकर भाषा भोजपुरी बा आ लिखाई (लिपि) देवनागरी आ अंक के इस्तेमाल इंटरनेशनल (1,2,3...), एही कारण लेख सभ के टाइटिल, जहाँ तक संभव होखे, भोजपुरी भाषा में आ देवनागरी लिखाई में होखे के चाहीं आ अंक इंटरनेशनल सिस्टम में लिखल जाए के चाहीं।

इहाँ धियान देवे वाली बात ई बा कि भोजपुरी भाषा में कइयन भाषा सभ से शब्द आइल बाड़ें आ एह में सामिल भ गइल बाड़ें; कुछ के एह प्रक्रिया में उच्चारणो बदल गइल बा आ उनहन के बकायदे भोजपुरीकरण हो गइल बा जबकि कुछ अपना मूल उच्चारण में भा लगभग मूल उच्चारण में सभ्य भोजपुरिया समाज में बोलल जालें। अइसन बाहरी भाषा सभ के शब्द सभ के भोजपुरिये के मानल जाए के चाहीं अगर उनहन के आम बोलचाल में भोजपुरिहा लोग इस्तमाल करत होखे, भले ओह शब्द के मूल उत्पत्ती कौनों अउरी भाषा के होखे।

ऊपर बताव आम चलन के नाँव के पैमाना अनुसार, ऑफिशियल नाँव चाहे मानक हिंदी नाँव के रखे के कौनों बाध्यता ना बा। बस ई देखल जाए के चाहीं कि भोजपुरी में ई कवना रूप में बेहवार में बा; अगर भोजपुरी में कवनो बिदेसी शब्द खाती कवनो खास शब्द भा अनुबाद स्वाभाविक चलन में न होखे, नीचे बतावल बिदेसी नाँव संबंधी पैमाना अनुसार उनहन के देवनागरी लिखाई में लिखल जा सके ला।

लिखाई संबंधी चीज संपादन करीं

भोजपुरी भाषा के देवनागरी लिखाई में लिखल जाला। हालाँकि, सगरी देवनागरी अच्छर सभ के इस्तेमाल भी जरूरी ना बाटे आ कुछ बिस्तारित देवनागरी करेक्टर सभ के इस्तेमाल भी कइल जा सके ला। नीचे दिहल बात एह मामिला में धियान में रखीं, जब लेख के टाइटिल रखे के होखे:

  • मूल देवनागरी अच्छर के इस्तेमाल से अगर शब्द भोजपुरी में चलन में होखें उनहन के इस्तेमाल कइल जाय।
  • नुक्ता के इस्तेमाल लोग के नाँव में कइल जाय अगर नाँव उर्दू, फ़ारसी नियर भाषा सभ के होखे, भले नाँव चलन में बिना नुक्तो के उच्चारण में होखे। (उदाहरण खाती ग़ालिब न कि 'गालिब')
  • जगह के नाँव में, भले शुद्ध नाँव में नुक्ता होखे, अगर भोजपुरी समाज में नाँव बिना नुक्ता के उच्चारण कइल जात बा तब ओकरा के बिना नुक्ता के लिखल जाय। (उदाहरण: आजमगढ़ न की आज़मगढ़, गाजीपुर न कि ग़ाज़ीपुर) अगर भारतीय उपमहादीप से बहरें के जगह के नाँव होखे आ भोजपुरी में ओकर बिना नुक्ता वाला उच्चारण चलन में न होखे तब नुक्ता के जरूर इस्तेमाल कइल जाय। अंगरेजी आ अउरी दूसर भाषा सभ के नाँव, जेह में उच्चारण के सुद्धता देखावे बदे नुक्ता के इस्तेमाल जरूरी होखे आ ओह शब्द के बिना नुक्ता वाला उच्चारण पहिलहीं भोजपुरी में चलन में न होखे तब्बो नुक्ता के इस्तेमाल कइल जाय।
  • पंचमाक्षर के इस्तेमाल भोजपुरी विकिपीडिया पर ना कइल जाय। अइसन सभ जगह पर अं के मात्रा (मने की ऊपर बिंदी) के इस्तेमाल कइल जाय जहाँ एकरे इस्तेमाल से शब्द लिखल संभव होखे। अपवाद के दसा खातिर भाषा दिसानिर्देस देखल जाय।
  • उच्चारण साफ समझावे खातिर ॅ या ऑ के इस्तेमाल टाइटिल में कइल जा सके ला अगर बिदेसी शब्द होखे; हालाँकि अगर इनहन के बिना ओह शब्द के चलन भोजपुरी में पहिले से बा तब एह शुद्धता के जरूरत ना बाटे। (उदाहरण खाती आस्ट्रेलिया न कि ऑस्ट्रेलिया; जबकि ऑस्ट्रिया लिखल जा सकत बा न कि आस्ट्रिया)। बिबाद के दसा में एह कैरेक्टर के इस्तेमाल वाला रूप बेसी मान्य होखी।
  • ङ के उच्चारण भोजपुरी में आम बात बा बाकी लिखाई में ई आ ञ आ ण के इस्तेमाल बहुत चलनसार ना बा; इनहन के इस्तेमाल न कइल जाय। अं के मात्रा या ग (जइसे गंगामंगर लिखे में बेसी चलन में बा; इनहने के इस्तेमाल कइल जाय।
  • टाइटिल में कौनों अइसन चीन्हा के भरसक न इस्तेमाल कइल जाय जे कीबोर्ड पर टाइप करे आ आम जनता द्वारा सर्च करे में इस्तेमाल न होखत होखे।
  • ठीक ऊपर वाला प्वाइंट अनुसार "लाघव चीन्हा" (॰) के इस्तेमाल टाइटिल में न कइल जाय बलुक चलन अनुसार एकरे जगह डॉट (.) के इस्तेमाल कइल जाय।

भोजपुरीकरण संपादन करीं

खास भोजपुरी इलाका आ भोजपुरी संस्कृति से जुड़ल शब्दन के अलावा, बहरें के शब्दन के भोजपुरी करण करे में मतभेद हो सके लें। कुछ लोग दुसरे भाषा के तत्सम शब्दवन के जबरियन घींच-घांच के भोजपुरी के बनावे के कोसिस करे लागे ला। अइसन ना करे के चाहीं।[नोट 1]

बैज्ञानिक अउरी तकनीकी शब्दावली संपादन करीं

टेक्नीकल बिसय (टॉपिक) सभ के नाँव, जिनहन खातिर अभिन ले भोजपुरी में कौनों शब्द भा फ्रेज मान्य भा स्वीकृत नइखे कइल गइल आ आम चलन में ना बाटे, ओकरा खातिर अंगरेजी नाँव के देवनागरी में (आ इंटरनेशनल अंक) लिखल लिप्यंतरण से लेख के टाइटिल बनावल जाई आ उहे इस्तेमाल कइल जाई जबले कि कौनों भोजपुरी शब्द भा फ्रेज मान्य हो के चलनो में न आ जाय। अइसन टाइटिल से बनल लेख सभ में {{TECHTITLE}} के इस्तेमाल कइल जाए के चाहीं जवना से इनहन के चिन्हित कइल जा सके।

बैज्ञानिक आ तकनीकी नाँव सभ के भी अलग-अलग स्तर के चलन हो सके ला। कुछ अइसन शब्द हो सके लें जे आम हाईस्कूल स्टैंडर्ड के पाठ्यपुस्तक सभ में हिंदी में इस्तेमाल होखे वाला होखें आ भोजपुरी भाषी लोग के चिन्हारू होखें। अइसन नाँव हिंदी से लिहल जा सके लें। जबकी ऊँच स्तर के शब्दावली के मामिला में हिंदी भा अउरी कौनों भारतीय भाषा के तकनीकी शब्दावली के नाँव बीछे के जगह अंगरेजी के नाँव के देवनागरी में लिखल जाई। उदाहरण खातिर - भौतिक बिज्ञान के आम हाईस्कूल स्तर के शब्द बल, गति, वेग, संवेग, जड़त्व नियर बैज्ञानिक शब्द एहिजे भोजपुरी में शामिल मानल जा सके लें। बाकी एही स्तर के कम चलन के शब्द व्यतिकरण (interference), तरंगदैर्ध्य (wavelength) वगैरह खातिर इंटरफेरेंस आ वेवलेंथ ठीक बा। बेसी तकनीकी शब्द भा ऊँच स्तर के तकनीकी शब्द जइसे कि मेटलर्जी में इस्तेमाल होखे वाला 'refractory' खातिर 'उच्चतापसह', क्वांटम मैकेनिकी के 'expectation value' खातिर 'प्रत्याशा मान' वगैरह के अंगरेजी नाँव के देवनागरी में (रिफ्रेक्टरीएक्सपेक्टेशन वैल्यू) लिखल जाई।

एगो आसान तरीका ईहो हो सके ला कि हिंदी भा अउरी भारतीय भाषा में मौजूद तकनीकी शब्द प्राकृतिक हवे की अंगरेजी से अनुबाद क के चाहे अनुबाद करे खाती जबरियन गढ़ि के बनावल गइल हवे। हिंदी वगैरह आसपास के भषवन के तकनीकी शब्दावली में दिहल अनुबादित भा गढ़ के बनावल शब्दन इहाँ ना लिहल जाई; ओकरा जगह अंग्रेजी के शब्द के देवनागरी में लिख के टाइटिल रखल जाई। एह तरीका से कुछ तकनीकी शब्दन खातिर हिंदी चाहे अउरी दुसरे भारतीय भाषा (नेपाली शामिल) से शब्द लिहल जा सके लें अगर ऊ प्राकृतिक भाषा के शब्द होखे। उदाहरन खातिर एगो चिरई जेकर अंगरेजी नाँव 'मलायन नाइट हेरन' हवे, खातिर भोजपुरी में कौनों चलनसार नाँव के जानकारी ना बाटे जबकि आसाम में असमिया भाषा में प्राकृतिक नाँव 'राज बोग' हवे जहाँ से ले के भोजपुरी विकिपीडिया पर एकर नाँव राजबोग बकुला रख लिहल गइल बाटे, जबकि नेपाली में एकर अनुबादित नाँव मलाया बाँकेबकुल्ला रखल गइल बाटे।

अइसनो हो सके ला कि कौनों तकनीकी शब्द के हिंदी में तकनीकी शब्दावली खातिर भोजपुरिये में आसान बिकल्प मौजूद होखे। उदाहरण आम के कई गो किसिम होखे ला - लंगड़ा, दसहरी, चौसा वगैरह; इहाँ 'किसिम' के खाती अंगरेजी में 'cultiver' के तकनीकी हिंदी 'कृषिजोपजाति' होखे ला। अइसन दसा में भोजपुरी में चलनसार बिकल्प के सभसे ऊपर रख के किसिम (खेती आ बागबानी) नियर टाइटिल रखल गइल बाटे।

अंगरेजी नाँव के देवनागरी में लिखे खातिर शब्दन के जबरियन भोजपुरियावे के ना चाहीं। देखीं: ठेठपन

अंगरेजी दिसानिर्देस संपादन करीं

ऊपर बतावल गइल दसा सभ के अलावा। बाकी दिसानिर्देस बिस्तार से अंगरेजी विकिपीडिया के दिसानिर्देस पर देखल जा सकत बाड़ें जे एहिजे युक्तियुक्त तरीका से एहिजे लागू कइल जालें। अंगरेजी के दिसानिर्देस देखल जाय: Wikipedia:Article titles पर।

इहो देखल जाय संपादन करीं

टीका-टिप्पणी
  1. भोजपुरी में तत्सम शब्दन के प्रयोग पर (उनहन के जबरिया भोजपुरियावे पर) एगो वैयाकरण के कहनाम धियान देवे लायक बा। हालाँकि, ई बात भोजपुरी में तत्सम शब्द लिखत घरी 'ऐ' आ 'औ' अउरी 'क्ष', 'त्र' आ 'ज्ञ' के प्रयोग के संदर्भ में कहल गइल बा, बात मार्के के बा कि:

    जबरन भोजपुरिअवला से भाषा के सौंदर्य नष्ट हो जाई। अइसे कइला से भोजपुरी धनी ना बनी। हँ, जवन तत्सम शब्द कालक्रम से घीसि के भोजपुरी के प्रकृति के अनुसार बनि गइल बाड़े स ओइसन भोजपुरी शब्दन के भोजपुरी रूप लिखे के चाहीं।

    — रसिक बिहारी ओझा 'निर्भीक', "भोजपुरी शब्दानुशासन"[1]
संदर्भ
  1. ओझा 'निर्भीक', रसिक बिहारी (1975). "वर्ण विचार". भोजपुरी श्बदानुशसन (1 ed.). जमशेदपुर: जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद. p. 23.