गोपालगंज जिला: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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<h2><span class="mw-headline" id="Tourist places">पर्यटन स्थल</span></h2>
<p>'''थावे''': गोपालगंज जिला मुख्यालय से मात्र छः किलोमीटर के दूरी पर सिवान जाएवाला राजमार्ग पर थावे नाम के जगहा बा । ओहिजा माई थावेवाली[http://www.jaimaathawewali.com] के बहुते पुरान मंदिर बा। माई थावेवाली के सिंहासिनी भवानी, थावे भवानी भा रहषु भवानी ओ कहल जाला। चईत के महीना में एहिजा बहुते बड़हन मेला लागेला। मंदिरे के बगल में एगो बहुत ही बड़हन पेड़ बा, जवना के अबले वनस्पतीय वर्गीकरण नईखे हो पावल।</p>
<p>देशो-विदेश में रहेवाला लोग जब साल-दूसाल पर अपना घरे आवेला तब ऊ थावेवाली माई के दर्शन करे जरुर आवेला।. बाकिर अफ़सोस एह बात के बा कि एतना महातम के बावजूद एह स्थान के सही तरीका से विकास नईखे
<p>'''दिघवा दुबौली''': गोपालगंज से ४० किलोमीटर दक्खिन-पूरब तथा छपरा से मशरख जाए वाली रेल लाईन पर ५६ किलोमीटर उत्तर में दिघवा-दुबौली एगो जगह बा, जहांपिरामिड के आकार के दुठो टीला बा। अईसन मानल जाला कि एकर निर्माण एहिजा शासन कर रहल चेर राजा लोग बनवले रहे।</p>
<p>'''हुस्सेपुर''': गोपालगंज से २४ किलोमीटर उत्तर-पछिम में झरही नदी के किनारे हथुआ महाराजा के बनवावल किला अब खंडहर हो गईल बा। ई गाँव पहिले हथुआ नरेश के गतिविधियन के केंद्र रहे। किला के चारु ओरी बनल खड्डा अब भर चुकल बा। किला के सामने बनल टीला हथुआ राजा के मेहरारु द्वारा सती होखे के गवाह बा।</p>
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