कबिताई: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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'''कबिता''' [[आदमी]] की [[मन]] की [[भावना]] के प्रगट करे क एअगो माध्यम आ [[साहित्य]] क एगो बिधा हवे जेवन [[लय]] आ तुक में बन्हल रचना होले आ [[अलंकार]] वाली भाषा क प्रयोग होला। हालाँकि [[संस्कृत]] की एगो परिभाषा "वाक्यं रसात्मकं काव्यं" की अनुसार ऊ सगरी वाक्य-रचना
[[श्रेणी:साहित्य]]
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