चंद्रगुप्त I: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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लाइन 28:
इनकार बियाह लिच्छवि राजकुमारी कुमारदेवी से भइल आ एह तरीका से इनके लिच्छवी लोग आ वैशाली राज्य पर नियंत्रण हो गइल।<ref name="Lal" /> कौसांबी आ कोसल के जीत के अपना राज में मिलवलें आ आपन राजधानी पाटलिपुत्र में स्थापित कइलें।<ref name="Lal">{{cite book|author=दिलीप कुमार लाल|title=बृहत्तर भारत का निर्माता चंद्रगुप्त मौर्य|url=https://books.google.com/books?id=ukdqCwAAQBAJ&pg=PA99|isbn=978-93-5048-583-5|pages=99–}}</ref>
 
चंद्रगुप्त, लगभग 335 ईस्वी में अपना बेटा समुद्रगुप्त के आपन उत्तराधिकारी नियुक्त कइलें।<ref name="Thapar2008">{{cite book|author=रोमिला थापर|title=भारत का इतिहास (1000 E.P-1526 E)|url=https://books.google.com/books?id=Kar5P7KSbbIC&pg=PA124|date=2008|publisher=राजकमल प्रकाशन प्रा॰ लि॰|isbn=978-81-267-0568-9|pages=124–}}</ref> हालाँकि, आधुनिक जमाना के इतिहास लेखक लोग के मत अनुसार राजगद्दी के ई बदलाव अतना आराम से ना भइल<ref name="Thapar2008"/> आ समुद्रगुप्त आ चन्द्रगुप्त के बिचा में एगो अउरी राजा भइलें जिनके नाँव कचगुप्त रहल आ ऊ साइद चंद्रगुप्त के भाई रहलें। एह बिबाद के परमान के रूप में कचगुप्त के नाँव वाला सिक्का सभ के महत्व वाला मानल जाला जे सुरुआती गुप्त काल के सिक्का भंडार सभ में बहुतायत से मिले लें। [[इलाहाबाद]] के अशोक स्तम्भ पर खोदल [[प्रयाग प्रशस्ति]] में, जहाँ समुद्रगुप्त के बिजय अभियान के बिस्तार से बिबरन लिखल गइल बा, एह बात के कुछ संकेत मिले ला की समुद्रगुप्त के राजगद्दी खाती संघर्ष करे के परल।<ref name="Agrawal1989"/> कुछ इतिहासकार लोग ''कौमुदीमहोत्सवम्'' नाँव के नाटक पर आधारित बिचार बतावे ला की एह में बर्णित सीन जेह में राजा अपना मरण के समय अपना बेटा के उत्तराधिकार सउँपें ले आ हारल राज सभ के दोबारा जीते खाती कहे लें, चंद्रगुप्त द्वारा समुद्रगुप्त के दिहल आदेस के चिन्हित करे ला। हालाँकि बाद के इतिहासकार लोग एह मत के बहुत महत्व ना देला आ ''कौमुदीमहोत्सवम्'' में बर्णित घटना के इतिहासी महत्व के ना माने ला।<ref name="Agrawal1989">{{cite book|author=Ashvini Agrawal|title=Rise and Fall of the Imperial Guptas|url=https://books.google.com/books?id=hRjC5IaJ2zcC&pg=PA104|year=1989|publisher=Motilal Banarsidass Publ.|isbn=978-81-208-0592-7|pages=104–}}</ref>
 
==गैलरी==