गौतम बुद्ध: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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[[File:Buddha in Sarnath Museum (Dhammajak Mutra).jpg|thumb|230px|[[सारनाथ]] में भगवान बुद्ध क मूरति (धर्मचक्र मुद्रा)]]
{{बौद्ध धर्म}}
'''भगवान बुद्ध''', '''गौतम बुद्ध''', '''सिद्धार्थ गौतम''', '''शाक्यमुनि''' भा खाली '''बुद्ध''' की नाँव से जानल जाला एगो संत-महात्मा रहलें
'''बुद्ध''' शब्द क अर्थ होला अइसन व्यक्ति जे के बोधि (मने ज्ञान) मिल गइल होखे आ [[बौद्ध धर्म]] में इहाँ के सबसे बड़ ज्ञान प्राप्त व्यक्ति मानल गइल बा आ सम्मासंबुद्ध अथवा सम्यकसम्बुद्ध कहल जाला। शाक्य कुल में जनम की कारण इहाँ के शाक्यमुनि कहल जाला। गौतम गोत्र में जनम भइल आ जनम की बाद नाँव सिद्धार्थ धराइल जेवना से इहाँ के नाँव सिद्धार्थ गौतम भइल। ज्ञान (बोधि) प्राप्त कइ लिहला पर बुद्ध, गौतम बुद्ध, महात्मा बुद्ध आ भगवान बुद्ध कहल जाए लागल।
ज्ञान अथवा बोधि के सही स्वरूप के भाषा
भगवान बुद्ध अपनी शिक्षा से मध्यम मार्ग क उपदेश दिहलीं जेवना क अर्थ होला इन्द्रिय सुख मे लिप्त रहला आ सारा इन्द्रिय सुख की निषेध की बीच के मार्ग।
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