[https://wishes-24x7.blogspot.com/2020/07/happy-raksha-bandhan-in-advance.html?m=1 '''रक्षाबंधन''' या '''राखी''' [[हिन्दू]] लोगन क त्यौहार बा जवन हर साल [[सावन]] महीना के पूर्णिमा के दिन मनावल जाला। सावन के महीना में मनावे के वजह से कत्तों कत्तों एके सावनी या सलूनो भी कहल जाला।]<ref>{{cite web |url= http://www.nyu.edu/gsas/dept/mideast/hindi/fes_rakhi.html|title= राखी|accessdate=13 अगस्त 2007|format= एचटीएमएल|publisher=न्यूयॉर्कयूनिवर्सिटी.इडीयू|language=en}}</ref> [https://wishes-24x7.blogspot.com/2020/07/happy-raksha-bandhan-in-advance.html?m=1 रक्षाबंधन में राखी या [[रक्षासूत्र|रक्षा]] के सबसे ढेर महत्व देवल जाला। राखी कच्चा सूत जइसन सस्ती चीज से लगाइत रंगीन कलावा, [[रेशम]] क धागा, [[चाँदी]] और [[सोना]] जइसन महंगी चीज तक बन सकेला।]
[https://wishes-24x7.blogspot.com/2020/07/happy-raksha-bandhan-in-advance.html?m=1 सबेरहीं नहइले के बाद औरत और लइकी लोग पूजा क थरिया सजावेलीं। थरिया में राखी के अलावा रोरी या हरदी, दीया, अच्छत आऊर कुछ पइसो रख लेवल जाला। आदमी और लइका लोग टीका करावे खातिर पूजा वाली या कऊनो ठीक जगह बईठ जानै। पहिले पूजा कइल जाला, फिर बहिन लोग भाइन क माथा पर रोरी और अच्छत क टीका लगायके अच्छत छिरिक के आरती उतारैनी आऊर उनके कलाई पर राखी बान्हैनी। भाई लोग अपने बहिनिन के राखी बन्हाई के खातिर नेग के तौर पर कुछ पइसा चाहे उपहार देवलन। ज्यादेतर जगहन में मुहूरत से राखी बान्हल जाला आऊर बहिन लोग राखी बान्हे से पहिले [[व्रत|भुक्खल]] रहैलिन।]
==सामाजिक प्रसंग==
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येह पर्व पर बहिन लोग भाई के लालत पर तिलक लगवे ला औरो भाई के दिर्घ आयु के परर्थना करे ला।
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'''भविष्य पुराण की कथा'''
मान्यताओं के अनुसार धरती की रक्षा के लिए देवता और असुरों में 12 साल तक युद्ध चला लेकिन देवताओं को विजय नहीं मिली। तब देवगुरु बृहस्पति ने इंद्र की पत्नी शची को श्राणण शुक्ल की पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर रक्षासूत्र बनाने के लिए कहा। इंद्रणी ने वह रक्षा सूत्र इंद्र की दाहिनी कलाई में बांधा और फिर देवताओं ने असुरों को पराजित कर विजय हासिल की।
'''वामन अवतार कथा'''
एक बार भगवान विष्णु असुरों के राजा बलि के दान धर्म से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने बलि से वरदान मांगने के लिए कहा। तब बलि ने उनसे पाताल लोक में बसने का वरदान मांगा। भगवान विष्णु के पाताल लोक चले जाने से माता लक्ष्मी और सभी देवता बहुत चिंतित हुए। तब मां ने लक्ष्मी गरीब स्त्री के वेश में पाताल लोक जाकर बलि को राखी बांधा और भगवान विष्णु को वहां से वापस ले जाने का वचन मांगा। उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा थी। तभी से [https://www.gorakhpurhindinews.com/raksha-bandhan-kyu-manaya-jata-hai-in-hindi/ रक्षाबंधन] मनया जाता है।{{clear}}
==संदर्भ==
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[[श्रेणी:हिंदू धर्म]]
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{{hinduism-stub}}[https://forloop4.blogspot.com/2020/08/rakshabandhan-kyu-manayi-jaati-hai.html रक्षाबंधन क्यों मनाई जाती है और कैसे मनाया जाता है | RakshaBandhan mahatav hindi me jaane]