शिवमूर्ति
हिंदी भाषा के कथाकार आ उपन्यासकार
शिवमूर्ति (जनम 11 मार्च 1950) हिंदी भाषा के एगो कहानीकार आ उपन्यासकार बाड़ें।[1] उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिला के कुरंग गाँव[2] में जनमल शिवमूर्ति के सुरुआती पढ़ाई गाँवे में भइल। त्रिशूल, तर्पण, आखिरी छलाँग इनके परसिद्ध उपन्यास बाड़ें आ इनके लिखल कहानी सभ में कसाईबाड़ा, तिरिया चरित्तर आ भरतनाट्यम के खास पहिचान मिलल। केशर कस्तूरी आ कुच्ची का क़ानून इनके कहानी संग्रह बाड़ें।[3] शिवमूर्ति के रचना सभ दलित, स्त्री आ गाँव के वंचित लोगन के कहानी कहें लीं।[4]
शिवमूर्ति | |
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जनम | मार्च 11, 1950 |
भाषा | हिंदी |
राष्ट्रियता | भारतीय |
बिधा | कहानी, उपन्यास |
बिसय | स्त्री विमर्श, दलित विमर्श |
प्रमुख रचना | त्रिशूल (उपन्यास) |
जीवनसाथी | सरिता देवी |
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ लेखक परिचय, हिंदी समय पर।
- ↑ "कथाकार शिवमूर्ति के गांव में". Jagran.com. 2012-03-11. Retrieved 2020-03-11.
- ↑ लेखक शिवमूर्ति Archived 2019-12-31 at the Wayback Machine, राजकमल प्रकाशन के वेबसाइट पर लेखक परिचय।
- ↑ "शिवमूर्ति: वंचितों की पीड़ा का किस्सागो - Shivmurthy spin doctors of the suffering of the underprivileged - AajTak". Aajtak.intoday.in. 2013-02-01. Retrieved 2020-03-11.
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