समय के हिंदू इकाई

हिंदू धर्म आ प्राचीन भारतीय संस्कृति में समय के कॉन्सेप्ट

प्राचीन भारत के हिंदू ग्रंथ सभ में बतावल समय के हिंदू इकाई सभ में एकदम छोट से ले बिसाल समय अवधि वाली इकाई सभ सामिल बाड़ीं जिन्हन में माइक्रोसेकेंड से छोट आ कई ट्रिलियन साल सभ के अवधि वालिन इकाइन के नाँव गिनावल गइल बाटे। एह इकाई सब के बिबरन वेद, पुराण, स्मृति, महाभारत, आ भारतीय ज्योतिष के ग्रंथ सब में मिले ला। भारतीय ब्रह्मांडिकी (हिंदू कॉस्मोलॉजी) में समय के 'काल' नाँव से जानल जाला आ एकरा के नित्य भा अनंत मानल जाला। बिबिध चीजन के चक्रीय रूप से घटित होखे के कारन एह काल के बिभाजन संभव बा - जब एक चक्र पूरा होखे; एह चक्र सभ के आधार पर अलग-अलग अवधि वाली काल गणना के इकाई बतावल-गिनावल गइल बाड़ी स। उदाहरण खातिर समय के सबसे छोट इकाई त्रुटि लगभग 0.3 माइक्रोसेकेंड के बतावल गइल बाटे आ ब्रह्मा के एक बरिस मनुष्य लोगन के 3,110,400,000,000 सालन के बरोबर बतावल गइल बाड़ें।

आम चलन में, हिंदू पतरा (हिंदू कलेंडर) में युग, वर्ष (बरिस), मास (महीना), तिथि, दिन, मुहूर्त आ घटी-पल नियर इकाई सभ के इस्तेमाल होखे ला। समय के नापजोख के ई इकाई सभ चंद्रमा-सुरुज-धरती के आपसी संबंध आ चक्र सभ के आधार पर परिभाषित हईं जबकि बहुत सारा इकाई कथा-कहानी आधारिती कॉस्मोलॉजी के घटना सभ पर आधारित हईं।

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