फिलिम (अंग्रेजी: Film) हिंदी में "चलचित्र" या "सिनेमा", अंग्रेजी में "मूवी" ("Moovies") एगो अइसन चीज बा जेवन एक की बाद एक खींचल कय गो फोटो के हाली-हाली देखावे के चलते मूल दृश्य के दोबारा चलत-फिरत रूप में देखावे के काम करे ले। फ़िल्म (Film) वास्तव में उ रील के कहल जाला जवना पर कवनो चित्र चाहे चलचित्र अंकित होला, ई कैमरा में प्रयोग करे खाती प्रकाश के प्रति संबेदनशील पायस आदि पोतल कार्बन प्लास्टिक आदि के समिश्रण से बनल पातर लचकदार पट्टी नियन होला जवना प चित्र चाहे चलचित्र कैमरा से अंकित कइल जाला। एकरा पर तेज प्रकाश के किरण परला प चित्र आगे परदा प दिखाई देला। यदि एक निमेष (आदमी के एक बार आंखि झपके के समय) में 50 गो से ज्यादा चित्र एक साथ देखावल जाय त चित्र में चित्रित चरित्र गतिमान लउके लागि लोग मनोरंजन खाती एकरा के देखे जात रहन आ सामान्य बोल चाल के भाषा में फिलिम कहे लागले।

फिलिम के इतिहास

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कबो कबो 1878 में बनावल Sallie Gardner at a Gallop from 1878 के पहिला फिलिम मानल जाला

आदम काल में मानव आपन छाया जल में देखि के समय बितावत रहे. कबो अपना चेहरा पर फेंड के पतई मिस के हरियर रग पोतत रहे त कबो जरल पतई के करिखा पोत के अपना के जल में निहारत रहे आ मनोरंजन करत रहे। आपन चेहरा देखे के चाहत आदमी के "सीसा" के खोज करे खाती प्रेरित कइलस।बतावल जाला की सीसा के खोज 2500 बरीस ई. पु. मेसोपोटामिया  में बनल रहे लेकिन ई सब सीसा छोट आकर के रहे जवना के सीसा बनावे के प्रयास मात्र कहल जा सकत रहे। बाद में लगभग 1500 बरीस ई. पु. मिश्र में सीसा बने लागल रहे। फ़ोटो छवि बनावे में सक्षम पहिला हाली कैमरा से पहले ई 1827 में  एगो करिआ कपडा ओढ़ाके एगो लकड़ी के डिब्बा  के तल में एक फोटोग्राफिक प्लेट डाल के प्रयोग कइले रहन जवन Nicephore Niepce द्वारा आविष्कार कइल गइल रहे। एह प्रकार स्थिर चित्र खिचे के  सुरुआत भइल रहे। बाद में एहि प्रक़र के कैमरा में डोरा बंधी के दौड़त घोडा के चित्र खिचे के प्रयाश कइल गइल ई प्रयास सफल भइल बाद में 1867 ई में अमेरिका में चलचित्र खिचे वाली मशीन जवना के नाम "जूपराक्सीस्कोप" रहे से गतिमान चित्र खिचल गइल रहे ओकरा बाद बहुत तेजी से यह क्षेत्र में बिकाश भइल जापान जर्मनी चाइना भारत चारु ओर बिभिन्न प्रकार के चलचित्र कैमरा और चलचित्र बनावे वाली कंपनी बाजार में आगइलस |1862 ई में सीसा के टुकड़ा प फोटो सटा के लेंस के सामने से चले वाला छोट मशीन बन गइल रहे। लोग हर पार्टी आदि में एकरा के देखत आ मनोरंजन करत रहे एकरा के "जादू के लालटेन "कहल जात रहे | John Ayrton एगो Thaumatrope नाम के यंत्र बनवले रहन जेकरा में घोडा आ धुड़सवार के चलत चित्र लउकत रहे। सन् 1885 में दू आदमी George-Eastman आ William H. Walker फिलिम के पहिला रील के बिकास कइले ई जिलेटिन पायस पायस के बनल रहे। बाद में स. 1902 में एहि रील के प्रयोग कईके "चन्द्र यात्रा " के फिलिम बनल रहे। फेन 1903  ई में निर्देशक तथा कैमरामैन Edwin S. Porter एगो ट्रेन डकैती के सच्चा घटना प आधारित 10 मिनट के चलचित्र बनवले रहन जवना के नाम रहे "ग्रेट  ट्रैन  रॉबरी"। 1905 में पहिला ब्यवसायिक फिलिम बनल जवना के नाम रहे 5 सेंट मूवीज़ थियेटर। एकरा बाद 1907 से बहुत अंग्रेजी फिलिम बनली स। भारत में सं 1896 में पहिला Lumiere Brothers से  बम्बई नाम के कला चित्रण भइल रहे। भारतीय सिनेमा में दादा साहेब (देवराम सखाराम भटवडेकर ) के प्रयास के अग्रगण्य मानल जाला। आज भी सिनेमा जगत में दादा एगो सम्मान के शब्द मानल जाला। सं 1897 में हीरालाल सेन द्वारा निर्देशित फिलिम "फारस के फूल " बहुत सफल मानल गइल।

फिलिम के महत्व

  • नैतिक शिक्षा खाती
  • स्वस्थ मनोरंज खाती
  • कला के बिकाश खाती
  • देश के अर्थ ब्यवस्था में उठान खाती
  • बिदेशी मुद्रा के अध्यागमन खाती
  • समाज में उचित सन्देश खाती
  • इतिहास खाती

फिलिम के दुष्प्रभाव

  • अनावश्यक फैसन प्रसार
  • असामाजिक हत्या अपराध आदि  के प्रसार
  • नवयुवक में गलत शिक्षा के प्रसार

बाहरी कड़ी

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