सूसिम चाहे सुशिम मौर्य साम्राज्य के एगो राजकुमार रहलन आ बिंदुसार से सभ से बड़ बेटा रहलन। बिंदुसार अपना बाद हिनके के सम्राट बनावे के चाहत रहलें,[1] बाकिर असोक इनकरा मुआ के अपने सम्राट बन गइलन।

जनम आ कुल

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सूसिम मौर्य साम्राज्य के दुजका सम्राट बिंदुसार सभ से बड़ पूत रहन। ना खाली ऊ अगिला सम्राट मानल जात रहन बलुक हुनकर माई अशोक के माई के पसन ना करत रही।.[2] बिंदुसार सभ से बेसी सूसिम के मानत रहन। बिंदुसार के असोक पसन ना पड़त रहन एहसे असोक के सम्राट होखे के सम्हाओना तनी कम रहे। बाकिर बिंदुसार असोक माई सूभद्रांगी के आपन रानी सभ मे सबसे बेसी सनेह करत रहन, काहे कि ऊ बहुते सुघर रही आ एक हाली बिंदुसार के जान बचवले रही। कहल जाला जे सूसिम के सय गो छोट भाई रहऽसन।

उप राजसाही

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सूसिम तक्षसिला के प्रसासक रहन आ हुनकर भाई असोक उज्जैन के। मौर्य साम्राज्य चार गो भाग मे बटल रहे। असोक के लेख मे ओह चारो भाग के राजधानी बाटे: तोसाली (पूरूब मे), उज्जैन (पक्खिम मे), सुवर्नगिरी (दक्खीन मे) आ टक्षसिला (उत्तर मे)। एह सभ के राज पाटलिपुत्र से चलत रहे। सम्राट के सलाह मंत्री लोग देत रहे।

 
मौर्य साम्राज्य के पांचों राजधानी देखी

बिन्दुसार के मुअला के बाद गिरिह जुध

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बिन्दुसार के मुअला के बाद हुनकर पूत सभ मे जुध चालू भ गइल। बिन्दुसार सूसिम के सम्राट बनावे के चाहत रहन बाकिर मंत्री लोग असोक के चाहत रहे। रधागुप्त नांव के एगो मंत्री असोक के सम्राट बने मे सहाएता कइले रहे।

  1. Singh, Upinder (2009), A history of ancient and early medieval India : from the Stone Age to the 12th century (3rd impr. ed.), New Delhi: Pearson Longman, p. 331, ISBN 9788131716779
  2. Gupta, Subhadra Sen (2009). "Taxila and Ujjaini". Ashoka. Penguin UK. ISBN 8184758073.