सेवा सदन
मुंशी प्रेमचंद के एगो उपन्यास
सेवा सदन भा बाज़ार-ए-हुस्न (उर्दू: بازارِ حُسن) हिंदीआ उर्दू दुनों भाषा में छपल उपन्यास बा। एकर लेखक मुंशी प्रेमचंद रहलें।
लेखक | मुंशी प्रेमचंद |
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देस | ब्रिटिश भारत |
भाषा | हिंदी/उर्दू |
बिधा | सामाजिक उपन्यास |
छपे के तिथी | कलकत्ता (हिंदी, 1919) आ लाहौर (उर्दू, 1924) |
मीडिया प्रकार | छापा (हार्डबैक & पेपरबैक) |
मूल रूप से ई उपन्यास उर्दू में लिखल गइल आ हिंदी रूपांतर कइल गइल रहे। हालाँकि, एकर हिंदी संस्करण पहिले छप गइल जे कलकत्ता से 1919 में छपल। बाद में लाहौर से एकर उर्दू रूप छपल, 1924 में।[1]
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ Harish Trivedi (2 May 2004). "The power of Premchand (Literary Review of The Oxford India Premchand)". The Hindu. Archived from the original on 2 June 2004. Retrieved 25 June 2017.
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