उत्तर-दक्खिन परिवहन गलियारा
उत्तर-दक्खिन परिवहन गलियारा (अंग्रेजी: नार्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर या एनएसटीसी) 7,200 किलोमीटर लंबाई वाला प्रस्तावित परिवहन नेटर्वक बाटे। ई कई तरह के आवागमन तरीका के मेरवन गलियारा बा जेह में जहाजी, रेल आ सड़क परिवहन के एकट्ठा मेल से ब्यापार खातिर नया रास्ता बनावे के बिचार बा। भारत आ रूस के बीच में, ईरान, यूरोप आ मध्य एशिया के देस सभ से हो के एह गलियारा द्वारा माल के आवागमन मजबूत होखी।
इंटरनेशनल नार्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (आइएनएसटीसी) | |
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Route information | |
Length | 4,500 मील (7,200 किमी) |
Major junctions | |
उत्तर end | अस्तरखान, मास्को, बाकू |
बंदर अब्बास, तेहरान, बंदर अंजाली | |
दक्खिन end | मुंबई |
एकरे उत्तरी माथे पर रूस के मास्को शहर बा आ दक्खिनी छोर पर भारत के मुंबई शहर बा। योजना के प्रस्ताव अनुसार, एह प्रोजेक्ट से मुंबई आ मास्को के बीच में तेहरान, बाकू, बंदर अब्बास, अस्तरखान, बंदर अंज़ाली नियर शहर आपस में बेहतर तरीका से जुड़ जइहें। साल 2014 में एह प्रोजेक्ट के तइयारी के रूप में दू गो रूट पर प्रयोग के रूप में परिवहन क के परीक्षण कइल गइल। पहिला मुंबई से बंदर अब्बास होत बाकू ले आ दूसरा मुंबई से बंदर अब्बास हो के अस्तरखान ले। एह प्रायोगिक परिवहन (ड्राई रन) के मकसद ओह सगरी कठिनाई आ अवरोध सभ के पहिचान कइल रहे जिनहन से एह प्रोजेक्ट में गतिरोध पैदा होखले के शंका होखे। प्रायोगिक परिवहन के परिणाम ई देखवलस कि परंपरागत रास्ता के तुलना में ई नवका मार्ग सस्ता बा। वास्तव में, माल ढोवाई में "हर 15 टन माल पर $2,500 के बचत" होखे के परमान मिलल। एकरे अलावा, अन्य मार्ग जिनहन पर बिचार कइल जा रहल बा उनहन में कजाकिस्तान आ तुर्कमेनिस्तान से होक के रस्ता बनावल भी सामिल बा।
मानल जा रहल बा की कई देसन के बीच भइल अश्गाबात समझौता के साथ भी ई प्रोजेक्ट एकरूप हो जाई। इहाँ धियान देवे वाली बात बा कि भारत, ओमान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान आ कजाकिस्तान नियर देस अश्गाबात समझौता में सामिल देस बाने। मध्य एशिया आ फारस के खाड़ी के बिचा में माल के ढोवाई खातिर परिवहन ब्यवस्था के मजबूत बनावल एह समझौता के मकसद बा।
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