कवितावली

मध्यकाल के हिंदी कबि

कवितावली मध्यकाल के हिंदी कबी गोस्वामी तुलसीदास के रचना हवे।[1] ई एक किसिम के संग्रह-काव्य[2] चाहे मुक्तक काव्य या निर्बंध काव्य हवे[3] जेह में मुख्य रूप से हिंदू देवता श्री राम के कथा चार किसिम के छंद सभ, सवैया कवित्त, छप्पय, आ झूलना छंद सभ में रचल गइल बा।[4] हिंदी आ अवधी के कबी होखे के बावजूद तुलसीदास के ई रचना साहित्यिक ब्रजभाषा में हवे। शैली आ छंद-बिधान के देख के ई अनुमान लगावल जाला कि एकर रचना एक बेर में ना भइल बलुक समय-समय पर एह छंद सभके रचना तुलसीदास लगातार कइलें आ बाद में इनहन के संग्रह भइल। इहो अनुमान लगावल जाला कि ई तुलसीदास के सभसे परसिद्ध रचना रामचरितमानस के बाद के हवे आ कबी के प्रौढ़ अवस्था के रचना हवे।

कवितावली
कवितावली के रचयिता तुलसीदास के काल्पनिक चित्र जे रामचरित मानस के प्रति पर छपे ला।
लेखकगोस्वामी तुलसीदास
देसभारत
भाषाब्रजभाषा
बिसयराम, बिबिध धार्मिक कबित्त
बिधाधार्मिक कविता

कवितावली में, रामचरित मानसे के नियर सात गो खंड हवें। कयास लगावल जाला कि एह में छह गो के संकलन के रूपरेखा तुलसीदास के बनावल हवे आ सातवाँ खंड बाद में केहू दूसर तुलसी भक्त संकलित कइल हवे।[5] कुछ छंद सभ के प्रमाणित रूप से तुलसी के नाहिंयो मानल जाला।

इहो देखल जाय

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  1. Bangha, Imarai (2004). "Dynamics of Textual Transmission in Premodern India: The Kavitavali of Tulsidas". Comparative Studies of South Asia, Africa and the Middle East. 24 (2): 33–44. ISSN 1548-226X. Retrieved 30 नवंबर 2021.
  2. तिवारी, रामचंद्र (2009). तुलसीदास (हिंदी में). वाणी प्रकाशन. pp. 30–31. ISBN 978-93-5000-044-1. Retrieved 30 नवंबर 2021.
  3. सिंह, उदय भानु (1 सितंबर 2008). तुलसी-काव्य-मीमांसा (हिंदी में). राधाकृष्ण प्रकाशन. pp. 401~. ISBN 978-81-7119-686-9. Retrieved 30 नवंबर 2021.
  4. वर्मा, रामकुमार (2010). हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास (हिंदी में). लोकभारती प्रकाशन. p. 312. ISBN 978-81-8031-094-2. Retrieved 30 नवंबर 2021.
  5. राय, लल्लन (2002). The Legacy of the Nizams: Translated and Compiled from Source Material (हिंदी में). वाणी प्रकाशन. ISBN 978-81-7055-164-5. Retrieved 30 नवंबर 2021.

बाहरी कड़ी

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