खिचड़ी

एगो भोजन क चीज हवे जेवन दाल आ चावल (चाउर) से बनावल जाला

खिचड़ी एगो भोजन क चीज हवे जेवन दाल आ चावल (चाउर) से बनावल जाला| खिचड़ी शब्द क उत्पत्ति संस्कृत की खिच्चा शब्द से भइल बा, जेकर मतलब होला, चावल और फली क एगो पकवान।[1]

खिचड़ी
खिचड़ी
उत्पत्ती अस्थानभारतीय उपमहाद्वीप
क्षेत्रभारत, पाकिस्तान, नेपाल
मुख्य सामग्रीचावल, दाल, चाट मसाला

सेलेकस क ग्रीक राजदूत उल्लेख कई न की दाल की साथ चावल दक्षिण एशिया में भारत की लोगन की बीच बहुत लोकप्रिय बा। मोरक्को क यात्री, इब्न बट्टुता 1350 की आसपास सिरका में रहले की दौरान, चावल और मूंग से बनल एगो बानगी के किशरी की रूप में उल्लेख कइले बा। अफानासीय निकितिन, एगो रूसी साहसिक जवन 15 वीं सदी में दक्षिण एशिया क यात्रा कइले रहे, ओकरी लेखन में खिचड़ी क वर्णन मिलेला। खिचड़ी मुग़ल साम्राज्य में बहुत लोकप्रिय रहे, खासकर जहांगीर की समय में। मुगल सम्राट अकबर की वज़ीर, अबू-फजल इब्न मुबारक द्वारा लिखित 16 वीं शताब्दी की दस्तावेज़ आईन-ए-अकबरी में, खिचड़ी की नुस्खा क उल्लेख बा, जवन की सात प्रकार क बा। अकबर, बीरबल और खिचड़ी क एगो अनोखा कहानीयो क जिक्र मिलेला।

क्षेत्रीय रूपांतर

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पाकिस्तान, नेपाल और भारत में खिचड़ी एगो बहुत लोकप्रिय पकवान ह। इ पकवान भारत, गुजरात, बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसन कईगो राज्यन में व्यापक रूप से तैयार कईल जाला। फूलगोभी, आलू और हरा मटर जैसे सब्जियां सामान्य तौर पर एमें मिला दिहल जाला। तटीय महाराष्ट्र में एकर एगो लोकप्रिय प्रकार झींगा से बनेला। एकही बर्तन में बहुत आसानी से बनवले की सुविधा की चलते खिचड़ी एगो पसंदीदा कैम्प फायर बानगी ह।

अन्य कई क्षेत्र में, खिचड़ी के आमतौर प कढ़ी की साथ परोसल जाला, और अक्सर साथ पापड़ भी रहेला।

  1. "मास्टर चेफ (यू.एस. सीज़न 6)".