गुनाहों का देवता, धर्मवीर भारती के लिखल, हिंदी भाषा के एगो उपन्यास बा। उपन्यास के पहिला संस्करण 1949 में छपल आ अबतक ले एकर कईयन संस्करण छप चुकल बाड़ें। हिंदी साहित्य के सभसे पापुलर उपन्यासन में एकर गिनती होला। प्रेम के प्लेटोनिक रूप के चित्रण एह उपन्यास के बिसय बा।

गुनाहों का देवता
लेखकधर्मवीर भारती
बिधाउपन्यास
प्रकाशकभारतीय ज्ञानपीठ
छपे के तिथी
1949
मीडिया प्रकारछापा (पेपरबैक)
पन्ना258
891.433
एकरा बादसूरज का सातवाँ घोड़ा (1952)

उपन्यास के कथा इलाहाबाद के माहौल में सेट बा। नायक चंदर इन्वर्सिटी में पढ़े वाला बिद्यार्थी बाने आ प्रोफेसर साहब के कृपापात्र बाने, घरेलू संबंध में प्रोफेसर साहब उनके बेटा नियर माने लें। प्रोफेसर साहब के लइकी सुधा चंदर से घुलल मिलल बाड़ी। आगे चल के दुनों लोग के बीच प्रेम भाव उपजत बा। दुनों लोग के प्रेम पबित्र प्रेम बा आ सुधा के बियाह हो जात बा। सुधा के लमहर बेमारी के बाद निधन हो जाला।