गोरखपुर चिड़ियाघर

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में चिड़ियाघर

शहीद अशफाक उल्लाह खान जूलॉजिकल पार्क या गोरखपुर जूलॉजिकल गार्डन जेकरा के आमतौर पर गोरखपुर चिड़ियाघर के नाँव से जानल जाला, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत में बा।[2] एकर नाम आजादी के लड़ाई के एक्टिविस्ट अशफ़ाकुल्ला खान के नाम पर राखल गइल बाटे। 121 एकड़ के क्षेत्रफल वाला [1] ई उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर चिड़ियाघर के बाद दुसरा सभसे बड़ चिड़ियाघर बाटे। एकरा के 27 मार्च 2021 के जनता खातिर खोलल गइल।

Date opened27 मार्च 2021
Locationगोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत
Coordinates26°43′09″N 83°24′30″E / 26.7192°N 83.4084°E / 26.7192; 83.4084निर्देशांक: 26°43′09″N 83°24′30″E / 26.7192°N 83.4084°E / 26.7192; 83.4084
Land area121 acres[1]
Websitegorakhpurzoo.org

शहीद अशफाक उल्लाह खान जूलॉजिकल पार्क गोरखपुर-देवरिया बाईपास रोड पर स्थित बा। ई लगभग गोरखपुर रेलवे /बस स्टेशन से 8 किमी दूर और लगभग हवाई अड्डा से 11  किमी दूदूरी पर बाटे। ई जूलॉजिकल पार्क पूर्वांचल में पहिला आ उत्तर प्रदेश के तीसरा बा। एकरा एक ओर ऐतिहासिक रामगढ़ ताल स्थित बा। गोरखनाथ मंदिर चिड़ियाघर से 10 किमी दूरी पर बा।

बारे में

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ई चिड़ियाघर कुल 121.34 एकड़ (49.10 हेक्टेयर) में स्थापित बा। लगभग 34 एकड़ आर्द्रभूमि के रूप में बा आ 30 एकड़ में घना जंगल बा। 20 एकड़ के अतिरिक्त इलाका में पेड़ लगावे के काम भइल बा, मने कि प्राणी पार्क के लगभग 46.5 प्रतिशत इलाका पेड़ से ढंकल बा। जूलॉजिकल पार्क के ग्रीन बेल्ट / जंगल नियर इलाका के रूप में बिकास के कारण, जूलॉजिकल पार्क के पूरा इलाका एह इलाका खातिर कार्बन सिंक आ "ग्रीन फेफड़ा" के काम करे ला।

एशियाटिक शेर, बाघ, तेंदुआ, गैंडा, ज़ेबरा, नीलगाय, भालू के 2 प्रजाति, बंदर के 3 प्रजाति, हिरण के 6 प्रजाति समेत 58 से जादा प्रजाति के 387 जंगली जानवर के राखे के इंतजाम कइल गइल बाटे। लकड़बग्घा (हाइना), भेड़िया, एक्वेरियम, तितली पार्क आ मगरमच्छ समेत कई किसिम के सरीसृप आ चिरई सभ इहाँ आकर्षण के केंद्र बा। एकरा में क्वारंटाइन सेंटर, रेस्क्यू सेंटर, पोस्टमार्टम हाउस, किचन अउरी फीड स्टोर बा। चूंकि पूर्वांचल में गोरखपुर जूलॉजिकल पार्क एकमात्र चिड़ियाघर बा एहसे बचाव केंद्र के स्थापना से पूर्वांचल आ ओकरा से सटल बिहार राज्य आ नेपाल के जंगल से भटकल जंगली जानवरन के आबादी वाला इलाका में बचावे आ ओह लोग के तुरते बचाव आ इलाज खातिर आ एह तरह से आदमी-पशु टकराव से बचाव के सुबिधा एहिजे बिकसित कइल जा रहल बा।

जंगली जानवरन के स्वास्थ्य पर नजर रक्खे, उनहन के सोभाव के वैज्ञानिक अध्ययन आ शोध खातिर एगो पशु चिकित्सा अस्पताल बनावल गइल बा। एकरा अलावे मरे वाला जंगली जानवर अउरी पशु चिकित्सा के कचरा के निपटान खाती इंसिनेटर भी लगावल गइल बाटे। एकरा साथे-साथे चिड़ियाघर में इंटरप्रेटेशन सेंटर, 7डी थियेटर, ओपन एयर थिएटर, एटीएम बूथ, सोवेनियर के दुकान, कैफेटेरिया, कियोस्क, गज़ेबो, रेस्टिंग शेड, बेंच, बैटरी से चले वाला गाड़ी, टॉयलेट ब्लॉक जइसन सार्वजनिक सुविधा बा। विकलांग लोग खातिर व्हील चेयर, शिशु खातिर प्रैम, आरओ वाटर प्वाइंट आ ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) के दुकान के भी व्यवस्था कइल गइल बा। सुरक्षा आ सिक्मेंयोरिटी खातिर सीसीटीवी, आग बुझावे वाला मशीन आ अलार्म सिस्टम, मांसाहारी जानवरन खातिर सोलर फेन्स, चौबीसों घंटा सुरक्षा के व्यवस्था आ आपातकालीन निकास शामिल बाटे।

वर्तमान में चिड़ियाघर में 226 से ढेर जानवर उपलब्ध बाड़ें जिनहन में शेर, बाघ, गैंडा, हाइना, हिप्पो, भालू, बंदर, अलग-अलग किसिम के हिरण, 10 किसिम के चिरई आ एगो सुंदर एक्वेरियम सामिल बाड़ें।[प्रमाण देईं]

  1. 1.0 1.1 "गोरखपुर में 181.82 करोड़ रुपये की लागत से 121.34 एकड़ में बनेगा प्राणि उद्यान" [Zoological park to be built on 121.34 acres in Gorakhpur at a cost of Rs 181.82 crore]. udaipurkiran.in (हिंदी में). 18 June 2019. Archived from the original on 2019-06-19.
  2. "Gorakhpur Zoological Garden". upforest.gov.in. Environment, Forest and Climate Change Department, Government of Uttar Pradesh, India. Archived from the original on 12 November 2019. Retrieved 14 जनवरी 2019.

आगे पढ़े लायक

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प्राथमिक स्रोत