चउथी बौद्ध संगीति के नाँव से बौद्ध धर्म के दू ठो संगीति (सम्मलेन) सभ के जानल जाला। एह दु गो में से पहिली श्रीलंका में पहिली सदी ईसा पूर्व में भइल आ एही संगीति में थेरवाद के त्रिपिटक के ताड़ के पत्ता पर लिख के सुरक्षित कइल गइल।

दुसरकी संगीति काश्मीर में पहिली सदी ईसवी में भइल आ ई सर्वास्तिवाद के लोग के संगीति रहे। एकर मुख्य उद्देश्य महायान के कुछ चीज के स्वीकार कइल रहे आ एही संगीति में बुद्ध के पूजा, मूर्ति आ बोधिसत्व के संकल्पना के स्वीकार कइल गइल।[1] एह संगीति में सर्वास्तिवाद के त्रिपिटक के संकलन भइल जवन मूल रूप में संस्कृत में रहे बाकी अब किछु अंश मात्र बचल बाटे, चीनी अनुवाद पूरा मिलेला।[2]

इहो देखल जाय संपादन करीं


फुटनोट संपादन करीं

  1. सहाय & शिवस्वरूप 2008, p. 272.
  2. शर्मा & चन्द्रधर 1998, p. 46.

संदर्भ संपादन करीं

  • शर्मा, चन्द्रधर (1998). भारतीय दर्शन:आलोचन और अनुशीलन (हिंदी में). बनारस: मोतीलाल बनारसीदास. ISBN 8120821343. Retrieved 13 मई 2016. {{cite book}}: Invalid |ref=harv (help)
  • शास्त्री, के॰ ए॰ नीलकांत (2007). नंद-मौर्य युगीन भारत (हिंदी में). बनारस: मोतीलाल बनारसीदास. ISBN 8120821041. Retrieved 13 मई 2016. {{cite book}}: Invalid |ref=harv (help)
  • सहाय, शिवस्वरूप (2008). प्राचीन भारतीय धर्म एवं दर्शन (गूगल पुस्तक) (हिंदी में). बनारस: मोतीलाल बनारसीदास. ISBN 8120823680. Retrieved 13 मई 2016. {{cite book}}: Invalid |ref=harv (help)