ज्याॅइड चाहे ज्योइड (अंग्रेजी: geoid) पृथिवी के आकृति हवे। अगर पूरा पृथिवी पर समुंद्रने के बिस्तार रहित तब ओह समुंद्र सभ के सतह से बने वाला आकृति (काल्पनिक रूप से महादीप सभ पर नहरन के जाल के बारे में सोचल जाय तब अइसना में पानी के सतह), पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण आ पृथ्वी के अपना धुरी पर घूमे के कारण जवन रूप लेई उहे जिओइड होखी। आसान करे खातिर पृथिवी के आकृति के एलिप्सोइड (कुछ चापट गोला) चाहे गोला मान लिहल जाला।

जियोइड के अनियमित आकृति, 10 हजारगुना बढ़ा-चढ़ा के देखावल गइल बा।

एकर सीधा मतलब ई होला की पृथ्वी एकदम से सटीक गोलाकार ना बाटे। एकर कारण हवे पृथिवी के भीतर के चट्टान सभ के अलग-अलग घनत्व (डेंसिटी) जेकरा चलते द्रब्यमान के बितरण हर जगह एक्के नियर ना पावल जाला।

भूमापनभूभौतिकी में एकर अध्ययन होला।

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