ग्लोब

पृथिवी चाहे कौनों अउरी आकाशीय पिंड के छोट मॉडल

ग्लोब (Globe) पृथ्वी या कौनों अउरी आकाशीय पिंड के छोट रूप में देखावे वाला मॉडल होला। ई पृथ्वी के पैमाना अनुसार छोट रूप में देखावे ला आ बिबिध काम में इस्तेमाल होखे ला। कौनों गोल आकार चीज, जेकरे त्रिज्या आ पृथ्वी के त्रिज्या में ख़ास अनुपात होखे (इहे पैमाना कहाला) पर अक्षांश-देशांतर रेखा सभ के जाल आ महादीप आ महासागर सभ के चित्र बनावल गइल होला; आमतौर पर ई धुरी के सहारे लगभग ओतने झुका के देखावल गइल रहे ला जेतना कि पृथ्वी अपने कक्षा-तल पर झुकाव लिहले बा। नक्शा बनावे में, गोलाकार सतह के सपाट सतह पर देखावे के बिधि, नक्शा प्रोजेक्शन बनावे में ग्लोब भा ग्लोब के कांसेप्ट (कल्पित ग्लोब) के खास महत्व होला। कारण ई कि ग्लोब पृथ्वी के 3डी मॉडल हवे जबकि नक्शा 2डी निरूपण हवे।

अब के जमाना के एगो ग्लोब
1782 के एगो ग्लोब, जॉन न्यूटन आ विलियम पाल्मर के बनावल।

ग्लोब शब्द के उत्पत्ती लैटिन भाषा के ग्लोबस (globus) से हवे जेकर शाब्दिक अरथ गोला होला। ग्लोब शब्द के पहिला इस्तेमाल, जहाँ ले जानकारी बा, स्ट्रेबो (150 ईपू) कइलेन ग्लोब ऑफ क्रेट्स के रूप में। दुनिया क सभसे पुरान ग्लोब जेह में पृथ्वी देखावल गइल बा, मार्टिन बेहाइम के बनावल एर्डाफेल (Erdapfel, पृथ्वी सेब, सेव रुपी पृथ्वी) हवे जे 1492 में बनावल गइल रहल। दुनिया के सभसे पुरान आकाशी ग्लोब (जेह में ब्रह्मांड के ग्लोब के रूप में देखावल गइल बा) दूसरी सदी के एगो संगमरमर के मूर्ती के हिस्सा बा जेह में कथा-कहानी के एगो देवता एटलस के ई ग्लोब अपना कान्ही पर उठवले देखावल गइल बा।

कुछ कांसेप्ट

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इस्कूल में मैडम जी बिद्यार्थिन के ग्लोब देखलावत बाड़ी।

पृथिवी के सपाट सतह पर देखावे के काम नक्शा प्रोजेक्शन के मदद से कइल जाला आ अइसन चित्र सभ नक्शा कहालें; हालाँकि पृथिवी के लगभग गोलाकार आकृति के कौनों भी तरीका से सपाट सतह पर देखावे में एकरे असली आकृति, एरिया, दूरी वगैरह सभ में कुछ न कुछ बिचलन जरूर हो जाला। एही से पृथ्वी के आकृति के सही से देखावे के सभसे नीक माध्यम ग्लोब हवे जे खुद पृथिवी के लगभग गोल आकृति नियर होखे ला।

ग्लोब पृथिवी के पैमाना अनुसार छोट कइल रूप (स्केल मॉडल) होखे लें। पृथिवी के खुद के साइज बहुत बड़हन बाटे आ एकर गोलाई (सर्कमफरेंस भा परिधि) लगभग 40 मिलियन (4 करोड़) मीटर बाटे; एकर मतलब कि अगर अइसन ग्लोब बनावल जाय जेकर गोलाई 1 मीटर होखे तब ग्लोब आ पृथिवी के बीचा में 1:40,000,000 (1:40 मिलियन) के अनुपात होखी)। आसान भाषा में कहल जाय तब ई ग्लोब पृथ्वी के 4 करोड़ गुना छोट रूप में देखावे वाला मॉडल होखी। एह तरीका से, कुछ ग्लोब 1 फुट के डायामीटर वाला बनावल जालें जिनहन के गोलाई लगभग 96 सेमी होखे ला आ स्केल 1:42 मिलियन होला। एकरे अलावा अउरी कई साइज में ग्लोब बनावल जालें।

कुछ ग्लोब सभ पर पृथिवी के ऊँचाई निचाई के प्रदर्शित कइल जाला। इनहन के सतह पर उभार आ गहिरा हिस्सा बना के देखावल जाला कि पृथ्वी पर कहाँ पहाड़ बाड़ें आ समुंदरी गहिरा हिस्सा कहाँ बाड़ें। एह दसा में ई ऊँचाई निचाई देख्लावे खातिर इस्तेमाल कइल रेलीफ़ बहुत बेसी बढ़ा-चढ़ा के देख्लावे के पड़े ला। उदाहरण खातिर एगो ग्लोब बनावे वाला कंपनी 96 सेमी. (25 इंच) के डायामीटर वाला ग्लोब बनावे ले (जे लगभग 200 सेमी के गोलाई वाला होला आ जेकर पैमाना 1:20 मिलियन होला); एह ग्लोब पर दुनियाँ से सभसे ऊँच परबत छोटी माउंट एवरेस्ट के 2.5 सेमी ऊँच (1 इंच) देखावे ले; वास्तव में देखल जाय तब ई ग्लोब के पैमाना के तुलना में 57 गुना बेसी बढ़ा के देखलावल जा रहल होखे ला (एकर वर्टीकल एक्जजरेशन x57 होखे ले)।

गोलार्धन में बँटवारा

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पुराना समय के एगो नक्शा में पूरबी आ पच्छिमी गोलार्ध के बिभाजन।

पृथ्वी के गोलार्ध (hemispheres of Earth) पृथ्वी के ग्लोब के दू हिस्सा में बाँटला से बनेला;[1][2] शब्द के मतलब होला गोला के आधा हिस्सा। अंग्रेजी भाषा के शब्द हेमिस्फियर मूल रूप से ग्रीक भाषा से आइल हवे आ एहू के मतलब होला कौनों गोला के आधा हिस्सा।

अक्षांस के आधार पर पृथ्वी के दू हिस्सा में बाँटल जाला तब बिसुवत रेखा भा भूमध्य रेखा एकरे बीचोबीच पड़े ले:

  • उत्तरी गोलार्ध अइसन सगरी इलाका हऽ जे भूमध्य रेखा के उत्तर में पड़े ला। एकरे सेंटर में उत्तरी ध्रुव होखे ला।
  • दक्खिनी गोलार्ध अइसन सगरी इलाका हऽ जे भूमध्य रेखा के दक्खिन में पड़े ला। एकरे सेंटर में दक्खिनी ध्रुव होखे ला।

देशांतर के आधार पर पृथिवी के दू हिस्सा में बाँटे पर प्रधान मध्याह्न रेखा (प्राइम मेरिडियन) आ अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा (इंटरनेशनल डेट लाइन) बीचोबीच पड़े लीं:

  • पूरबी गोलार्ध प्राइम मेरिडियन 0° देशांतर के पूरुब में आ 180° देशांतर के पच्छिम में पड़े ला।
  • पच्छिमी गोलार्ध प्राइम मेरिडियन 0° देशांतर के पच्छिम में आ 180° देशांतर के पूरुब में पड़े ला।

पृथ्वी के समुंद्री आ जमीनी भा महादीपीय हिस्सा के आधार पर दू हिस्सा में बाँटल जाला:[3]

वर्चुअल ग्लोब

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नासा क बनावल वर्चुअल ग्लोब वल्डविंड के एगो स्क्रीनशॉट

वर्चुअल ग्लोब धरती चाहे कौनों अउरी दुनिया के थ्री-डी (3D) सॉफ्टवेयर मॉडल होखे जेह पर यूजर लोग वर्चुअल माहौल में चीजन के अलग-अलग एंगल से आ पोजीशन से देख सके ला। परंपरागत ग्लोब के तुलना में वर्चुअल ग्लोब सभ में धरती के सतह के कई अलग-अलग किसिम से नजारा सभ के देखावे के क्षमता होला, इनहन पर भूगोलीय चीजन के बदल-बदल के बिबिध कंबीनेशन में देखल जा सके ला; बिसेसता सभ में भौतिक, चाहे आदमी के बनावल चीज - सड़क आ भवन नियर सभ हो सके लें, या जनसंख्या नियर चीजन के नक्शा के रूप में एब्स्ट्रेक्ट निरूपण हो सके ला, चाहे सैटलाइट इमेज भा हवाई फोटोग्राफी के इमेज हो सके लीं; चाहे स्ट्रीट व्यू हो सके ला।

20 नवंबर 1997 के माइक्रोसॉफ्ट एनकार्टा वर्चुअल ग्लोब 98 के रूप में ऑफलाइन वर्चुअल ग्लोब जारी कइलस, एकरे बाद 1999 में कॉस्मी 3D वर्ल्ड एटलस जारी भइल।सबसे पहिला मशहूर आ खूब इस्तेमाल होखे वाला ऑनलाइन वर्चुअल ग्लोब नासा क बनावल वर्ल्डविंड (जे 2004 में रिलीज भइल) आ गूगल अर्थ (2005 में रिलीज) रहलें; गूगल अर्थ अभिन 2024 तक ले पॉपुलर बाटे।

  1. Society, National Geographic (22 मार्च 2011). "hemisphere". National Geographic Society (अंग्रेजी में). Archived from the original on 2019-07-09. Retrieved 2 मार्च 2022.
  2. "hemisphere". Britannica Kids. Retrieved 2 मार्च 2022.
  3. Boggs, S. W. (1945). "This Hemisphere". Journal of Geography. 44 (9): 345–355. doi:10.1080/00221344508986498.
  4. terrestrial globe, from the UBC Library Digital Collections

बाहरी कड़ी

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