झेलम नदी

उत्तर भारत आ पाकिस्तान में एगो नदी

झेलम नदी (अंग्रेजी: Jhelum river) उत्तर-पच्छिमी भारत आ उत्तरी पूरबी पाकिस्तान में बहे वाली नदी बा। ई सिंधु नदी सिस्टम के नदी हवे आ पंजाब क्षेत्र के सभसे पच्छिमी नदी हवे। काश्मीर घाटी के लगे पीर पंजाल के निचला इलाका में मौजूद वेरिनाग झरना (झील) से निकल के ई नदी लगभग 725 किलोमीटर (450 मील) के दूरी तय करे ले आ पाकिस्तानी पंजाब में चिनाब नदी में जा के मिले ले। एह नदी के प्रमुख सहायिका नदी सभ में लिद्दर नदी, नीलम नदीपुंछ नदी बाड़ी स आ एही नदी के रास्ता में परसिद्ध डल झीलवुलर झील भी पड़े लीं।

झेलम
ਜਿਹਲਮ (Punjabi) جہلم
गर्मी के सीजन में झेलम
झेलम के सिंधु नदी सिस्टम में बहाव
लोकेशन
देसभारत, पाकिस्तान
भौतिक लच्छन सभ
Source 
 - locationVerinag Spring
मुहाना 
 - location
चिनाब नदी
लंबाई725 किमी (450 मील)
Discharge 
 - average221.9 m3/s (7,840 cu ft/s) (बारामुला के लगे)
थाला लच्छन
सहायिका 
 - rightलिद्दर नदी, नीलम नदी, सिंध नदी

झेलम भारत के काश्मीर में, पीर पंजाल परबत श्रेणी से निकले ले; एकर सोता वेरीनाग हवे जे एगो सोता आ झील हवे। आगे बढे पर खानबल के नगीचे मीरगुंड गाँव में एह में लिद्दर नदी आ के मिल जाले, अनंतनाग में एह में वेशव नदी, शादीपोरा में सिंध नदी, आ सोपोर के दोआबगाह में एह में पोहरू नदी आ के मिले लीं। ई जम्मू काश्मीर के राजधानी श्रीनगर आ एहिजे मौजूद परसिद्ध वुलर झील से हो के बहे ले। एके बाद ई एगो सकेत गॉर्ज बनावे ले आ पाकिस्तान प्रशासित काश्मीर में प्रवेश करे ले।

पाकिस्तान के कब्जा वाला काश्मीर में एकर सभसे बड़ सहायिका नीलम नदी आ के डोमल, मुजफ्फराबाद में मिले ले आ आगे जा के कागान घाटी के कुन्हार नदी एह में मिले ले। एकरा बाद पुंछ नदी एह में आ के मिले ले आ ई मीरपुर जिला में मंगला बान्ह रिजर्वायर से गुजरे ले।

एकरा बाद ई पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में प्रवेश करे ले जहाँ जिला के नाँव झेलम जिला हवे। पंजाब में ई जेश दोआब आ सिंध सागर दोआब के बीचा में सीमा बनावे ले। ओहिजे से ई मैदानी हिस्सा में बहत आगे जा के झंग जिला में त्रिम्मू के लगे चिनाब नदी में मिल जाले; चिनाब आगे जा के पंजनद के बनावे ले आ सतलज नदी में मिल जे अउरी आगे जा के मैथानकोट में सिंधु नदी में मिले ले।

काश्मीर घाटी के अधिकतर महत्वपूर्ण शहर आ गाँव एही नदी के तीरे बसल बाड़ें।[1]

बंधा आ बैराज

संपादन करीं

भारत में एह नदी पर पनबिजली बनावे खातिर मजिगर संभावना मौजूद बाटे। कई गो ढांचा बनावल गइल बाड़ें जे पानी रोक सकें आ इनहन के जरिये रिजर्वायर बना के पनबिजली बनावल जा सके। ई सिंधु बेसिन प्रोजेक्ट के हिस्सा हवें:

  • मंगला बाँध, 1967 में पूरा भइल, ई दुनिया के कुछ सभसे बड़हन माटी भर के बनावल (अर्थ-फिल डैम) बंधा हवे, एकर पानी एकट्ठा रखे के छमता 5,900,000 एकड़ फीट (7.3 किमी3) बाटे।
  • रसूल बैराज, एकर निर्माण 1967 में भइल, एहिजे अधिकतम पानी के बहाव 850,000 ft³/s (24,000 m³/s) बाटे।
  • त्रिम्मू बैराज, 1939 में एकर निर्माण भइल, ई पाकिस्तान में झंग सदर से करीबन 20 किमी दूर चेनाब के साथे संगम के लगे बनावल गइल बाटे, एकर अधिकतम डिस्चार्ज कैपसिटी 645,000 ft³/s (18,000 m³/s) बाटे।
  • विक्टोरिया बैराज, हरनपुर के निर्माण 1933 में भइल जे चक निजाम घाटी के लगे मलकवाल से 5 किमी के दूरी पर बाटे। मुख्य रूप से पाकिस्तान रेलवे द्वारा इस्तेमाल कइल जाला।
  • उड़ी बान्ह जेकर छमता 480 MW बाटे बारामुला जिला में बनावल गइल बा।[2]
  • उड़ी बान्ह II के छमता 240 MW बा आ इहो भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू काश्मीर के बारामुला जिला में बाटे।[3]
  • किशनगंगा पनबिजली प्लांट के छमता 330 MW बाटे आ ई जम्मू काश्मीर के बाँदीपोर जिला में बनावल गइल बाटे।[4]
  1. "District Survey Report On Kashmir" (PDF). District Survey Report – via District Survey Report.
  2. "NHPC Limited : Projects : Power Stations : Uri - I". www.nhpcindia.com. Retrieved 2021-02-14.
  3. "NHPC Limited : Projects : Power Stations : Uri-II". www.nhpcindia.com. Retrieved 2021-02-14.
  4. "NHPC Limited : Projects : Power Stations : Kishanganga". www.nhpcindia.com. Retrieved 2021-02-14.