दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धरम के गेलुग शाखा के एगो धार्मिक आध्यात्मिक पदवी हवे। ई शाखा पुनर्जनम में बिस्वास करे ले आ दलाई लामा एह शाखा के सभसे बड़ आध्यात्मिक गुरु मानल जालें। दलाई लामा के बुद्ध के अवलोकितेश्वर रूप के अवतार मानल जाला, मने कि बुद्ध के करुणा वाला रूप के अवतार। वर्तमान में 14वाँ दलाई लामा एह पदवी पर बाड़ें जे तिब्बत से बहरें भारत में निर्वासित जीवन बिता रहल बाड़ें।

दलाई लामा
Standard Tibetan: ཏཱ་ལའི་བླ་མ་
ResidenceMcLeod Ganj, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश , भारत
Formation1391
First holderGendun Drup पहिला दलाई लामा

17वीं सदी में 5वाँ दलाई लामा के समय से, इनके व्यक्तित्व हमेशा से तिब्बत राज्य के एकीकरण के प्रतीक रहल बा, जहाँ ऊ बौद्ध मूल्य आ परंपरा सभ के प्रतिनिधित्व कइले बाड़ें।[1] दलाई लामा गेलुक परंपरा के एगो महत्वपूर्ण हस्ताक्षर रहलें जे मध्य तिब्बत में राजनीतिक आ संख्यात्मक रूप से प्रमुख रहलें, बाकी इनके धार्मिक अधिकार साम्प्रदायिक सीमा से बाहर निकल गइल। जबकि कौनों भी धार्मिक परंपरा में इनके कौनों औपचारिक भा संस्थागत भूमिका ना रहल, जिनहन के नेतृत्व उनके खुद के उच्च लामा लोग करत रहल, ऊ तिब्बती राज्य के एकीकरण करे वाला प्रतीक रहलें, कौनों बिसेस स्कूल से ऊपर बौद्ध मूल्य आ परंपरा सभ के प्रतिनिधित्व करे वाला रहलें।[2] दलाई लामा के एगो विश्वव्यापी आकृति के रूप में पारंपरिक कार्य, जवन अलग-अलग धार्मिक आ क्षेत्रीय समूहन के एक साथ रखले बा, चौदहवाँ दलाई लामा द्वारा उठा लिहल गइल बा। ऊ निर्वासित समुदाय में साम्प्रदायिक आ अउरी बिभाजन सभ के दूर करे के काम कइले बाड़ें आ तिब्बत आ निर्वासित दुनों जगह तिब्बती लोग खातिर तिब्बती राष्ट्रवाद के प्रतीक बन गइल बाड़ें।[3]

संदर्भ संपादन करीं

  1. Woodhead, Linda (2016). Religions in the Modern World. Abingdon: Routledge. p. 94. ISBN 978-0-415-85881-6.
  2. Religions in the Modern World: Traditions and Transformations. Taylor and Francis. Kindle locations 2519–2522.
  3. Cantwell and Kawanami (2016). Religions in the Modern World. Routledge. p. 94. ISBN 978-0-415-85880-9.