परिशिष्टपरवन
परिशिष्टपरवन भा स्थविरावलीचरित्र एगो संस्कृत महाकाव्य बा जेकरा आचार्य हेमचंद्र गहले रहन। एहमे 3460 गो श्लोक आ तेरऽगो अध्याय बाटे जेहमे पुरान भारत के खीसा बाटे।[1][2]
त्रीषष्टीशलाकापुरुषचरित्र जैन धरम के परमुख लोगीन प लिखल एगो महाकव्य बाटे, जेकरा हेमचंद्र चालुक्य राजा कुमारपाल के निहोरा प गहले रहन। परिशिष्टपरवन मे हेकरे काथा के आगे बढ़ावल बाटे।
एहमे 480 से 200 ईशा पूर्व के खीसा लिखल बा जेमहे मगध आ मौर्य साम्राज्य के उतान के बतावल बाटे।
सनर्भ
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- ↑ Upinder Singh 2016, p. 26.
- ↑ Fynes 1998, p. xxxiii.