पृथिवी के ग्रेविटी

पृथिवी द्वारा एकरे सतह पर चाहे सतह के लगे के चीजन पर लगावल जाए वाला एक्सिलरेशन

पृथिवी के ग्रेविटी (अंग्रेजी: gravity of Earth), जेकरा g से चिन्हित कइल जाला, नेट एक्सिलरेशन हवे जे गुरुत्वाकर्षण (पृथ्वी के भीतर के द्रब्यमान बितरण से मिले वाला) आ सेंट्रीफ्यूगल फ़ोर्स (पृथ्वी के घूर्णन से मिले वाला) के संजुक्त परभाव के चलते चीजन के मिले ला।[1][2][3] ई वेक्टर क्वान्टिटी हवे, जेकर डाइरेक्शन साहुल के दिशा में होखे ले आ एकर ताकत भा मैग्निट्यूड नॉर्म द्वारा दिहल जाला।

एसआई यूनिट में एह एक्सिलरेशन के मीटर प्रति सेकेंड वर्ग (चीन्हा के रूप में m/s2 चाहे m·s−2) चाहे न्यूटन प्रति किलोग्राम (N/kg or N·kg−1) में बतावल जाला।

  1. Boynton, Richard (2001). "Precise Measurement of Mass" (PDF). Sawe Paper No. 3147. Arlington, Texas: S.A.W.E., Inc. Archived from the original (PDF) on 2007-02-27. Retrieved 2007-01-21.
  2. "Curious About Astronomy?", Cornell University, retrieved June 2007
  3. Hofmann-Wellenhof, B.; Moritz, H. (2006). Physical Geodesy (2nd ed.). Springer. ISBN 978-3-211-33544-4. § 2.1: "The total force acting on a body at rest on the earth’s surface is the resultant of gravitational force and the centrifugal force of the earth’s rotation and is called gravity."{{cite book}}: CS1 maint: postscript (link)