प्लास्टिक

सिंथेटिक पदार्थ

प्लास्टिक भा पलास्टिक (Plastic) एगो बनावटी पदार्थ हवे जे प्रकृति में अपने आप ना पावल जाला बलुक मनुष्य द्वारा रासायनिक प्रक्रिया से बनावल जाला आ एह कटेगरी में बहुत सारा पदार्थ आवे लें जे सिंथेटिक पॉलीमर होलें या फिर कार्बनिक यौगिक (ऑर्गेनिक कंपाउंड) होलें जिनहन के ढाल के बिबिबिध किसिम के चीज बनावल जा सके ला। प्लास्टीसिटी अइसन गुण के कहल जाला कि ओह चीज के ऊपर दबाव भा तनाव पड़े पर ओकरे रूप में बदलाव होखे आ बाद में दबाव भा तनाव वाला बल हट जाए पर भी फिर से ऊ वापस अपना पुरानका रूप में न लवटे। एही कारण इनहन के बिबिध रूप आ आकृति में ढालल जा सके।

plastic items
पलास्टिक के बनल कई किस्म के चीज के रोजमर्रा के इस्तेमाल में आवे ला

आमतौर पर प्लास्टिक के निर्माण में पेट्रोकेमिकल (जमीनभीतरी तेल से निकले वाला रासायनिक पदार्थ) सभ के इस्तेमाल कइल जाला। हालाँकि, इनहन के सस्ता बनावे भा अउरी अन्य बिसेस्ता पैदा करे खाती अन्य कई चीज भी मिलावल जा सके ला।

चूँकि, औद्योगिक सभ्यता में, पलास्टिक के उत्पादन आसान आ सस्ता हो गइल बा आ एकर इस्तेमाल रोजमर्रा के चीज से ले के बिबिध किसिम के काम में कइल जा रहल बा, एकर इस्तेमाल हमनी के हर जगह देखाई पड़ रहल बा। भारत में कुल पलास्टिक उत्पादन के 42% बिबिध चीज के पैकिंग खाती इस्तेमाल होला। एक तरह से देखल जाय तब प्लास्टिक से पहिले के जमाना में जवना चीज सभ खाती धातु, लकड़ी, माटी, चीनी मट्टी, सींघ, हड्डी, चमड़ा, कपड़ा आ शीसा नियर पदार्थन के इस्तेमाल होखे, सस्ता आ सहज उपलब्ध होखे के कारण इनहन के इस्तेमाल के जगह अब पलास्टिक के इस्तेमाल होखे लागल बा।

इतिहास के बात कइल जाय तब, दुनिया के पहिला पलास्टिक (पूरा तरीका से सिंथेटिक) बैकेलाईट रहल जे न्यू यॉर्क में 1907 में लियो बैकेलैंड द्वारा बनावल गइल। इहे एकर नाँव भी "प्लास्टिक" रखलें। ओकरे बाद कई रसायन बिग्यानी लोग एकरे बिकास में काम कइल।

वर्तमान समय में पलास्टिक के बढ़ गइल इस्तेमाल आ एकरा के प्राकृतिक तरीका से नष्ट होखे में लागे वाला बहुत बेसी समय के कारण, प्लास्टिक के अधिकता से पर्यावरण पर नोकसानदेह परभाव पड़ रहल बा जे प्लास्टिक प्रदूषण बा।