बाढ़ि
बाढ़ि या बाढ़ एगो अइसन घटना होखे ले जवना में पानी अपना बहाव के आम बिस्तार से ऊपर उठ के अइसन जमीन के ऊपर चढ़ि आवेला जहाँ आमतौर पर जमीन सूखल रहे ले। जब एकरा से मनुष्य के नोकसान होखे ला तब ई आफत में गिनल जाला। ई प्राकृतिक कारण आ मनुष्य के कौनों काम या फिर दुनों के मिलल जुलल कारण के परिणाम हो सके ला।
आमतौर पर नदी या झील के किनारे के जमीन जवन सूखल रहे ले ओकरा पानी के बढ़ले के कारन बूड़ि गइले के बाढ़ि कहल जाला। पानी के ई चढ़ाव ढेर बरखा भइला या अउरी कौनों दूसर कारन से हो सके ला, जइसे की बाँध सभसे अचानक पानी छोड़ल या बाँध के टूट गइले से।
कुछ इलाका में लगभग हर साल बाढ़ि आवेले जेवन सीजनल होखे ले। बरसात के मौसम में नदी नाला ताल सब में पानी चढ़ जाला आ आसपास के सूखल रहे वाली जमीन के डुबा देला। कुछ जगह अचानक ढेर बरखा हो गइले पर भी पानी ओतने तेजी से बह के निकल ना पावे के कारन जमा हो जाला, एकरा के जलजमाव कहल जाला आ इहो बाढ़ के एगो रूप मानल जाला।
परकार
संपादन करींखेत्रिय
संपादन करींकेनियो केनीयो बुनी होखला से बाढ़ि आ जाला। अईसन तब होला जब बुनि चाहे बरफ गले से आवे वाला पानी जेतना हाली हाली जामा होला ओतने हाली निकल ना पावेला।
नदी के बाढ़ि
संपादन करींलगभग हर नदी मे बाढ़ि आवेला।
कारन
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