भीमराव अंबेडकर

भारतीय बिद्वान आ राजनीतिक नेता, पहिला कानून मंत्री (1891-1956)

भीमराव रामजी अंबेडकर (मराठी: भीमराव रामजी आंबेडकर; 14 अप्रैल 1891 – 6 दिसंबर 1956), जिनके बाबासाहेब अंबेडकर के नाँव से भी जानल जाला, एक ठो भारतीय कानूनबिद, अर्थशास्त्री, राजनीतिग्य आ समाज सुधारक रहलें। दलित (अछूत) लोग के साथे होखे वाला सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आंदोलन[3] कइलेन आ औरतन आ मजूरन के हक खातिर काम कइलेन। ऊ आजाद भारत के पहिला कानून मंत्री रहलें आ भारतीय संबिधान के ड्राफ्ट कमेटी के चेयरमैन रहलें आ संबिधान के निर्माण में प्रमुख भूमिका अदा कइलें। बाबासाहब आंबेडकर आधुनिक भारत के पिता के रुप में दुनिया में प्रसिद्ध भइल।[4][5][6]

भीमराव रामजी अंबेडकर
जवानी के बाद के दिन में अंबेडकर
कानून आ न्याय मंत्री
कार्यकाल
15 अगस्त 1947 – सितंबर 1951
प्रधानमंत्रीजवाहरलाल नेहरू
इनसे पहिलेपद के स्थापना
इनके बादचारु चंद्र बिस्वास
संबिधान ड्राफ्ट कमेटी के चेयरमैन
कार्यकाल
29 अगस्त 1947 – 24 जनवरी 1950
प्रधानमंत्रीजवाहरलाल नेहरू
लेबर मेम्बर, वायसराय के एक्सीक्यूटिव काउंसिल
कार्यकाल
1942–1946
इनसे पहिलेफिरोज खान नून
इनके बादपद समाप्त
निजी जानकारी
जनम(1891-04-14)14 अप्रैल 1891
महू, सेंट्रल प्रोविंस, भारत (वर्तमान मध्य प्रदेश)
निधन6 दिसंबर 1956(1956-12-06) (उमिर 65)
दिल्ली, भारत
राजनीतिक पार्टीसमता सैनिक दल, स्वतंत्र्य मजदूर पार्टी (इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी), अनुसूचित जाति संघ
जीवनसाथी
  • रमाबाई
    (बि. 1906; नि. 1935)
    [1]
  • सविता अंबेडकर (बि. 1948)
    [2]
महतारी संस्था
प्रोफेशनकानूनबिद्वान, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक, राजनीतिग्य
सम्मानभारत रत्न (मरणोपरांत)
दस्खत

अंबेडकर बहुत तेज बिद्यार्थी रहले आ कोलंबिया इन्वर्सिटी आ लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डाक्टर के डिग्री हासिल कइलेन। कानून, अर्थशास्त्र आ राजनीति बिज्ञान के बिद्वान के रूप में उनके धाक जम गइल रहल। अपना सुरुआती कैरियर में ऊ अर्थशास्त्री, प्रोफेसर आ वकील रहलें। बाद में राजनीति में सक्रिय रूप से हिस्सा लिहलें; भारत के आजादी के संघर्ष में परचार, आंदोलन आ निर्णायक फैसला लेवे में योगदान कइलेन आ आजाद भारत के स्वरुप निर्धारित करे में महत्व के भूमिका निभवलें। 1956 में बौद्ध धरम अपना लिहलें जेकरा बाद दलितन के बौद्ध धर्म में ब्यापक धर्मांतरण भइल।

निधन के बाद, 1990 में, इनके भारत के सभसे बड़ नागरिक सम्मान "भारत रत्न" दिहल गइल। अंबेडकर के विरासत राजनीति, समाज सुधार आ पापुलर कल्चर में कई प्रकार से अभिन ले भी महत्वपूर्ण बनल बाटे आ भारतीय संस्कृति आ समाज में आपन स्थान रखत बा।

इहो देखल जाय

संदर्भ

  1. Pritchett, Frances. "In the 1900s" (PHP). Retrieved 5 जनवरी 2012.
  2. Pritchett, Frances. "In the 1940s". Retrieved 13 June 2012.
  3. अग्रवाल, पुरुषोत्तम. हरिजन से दलित. वाणी प्रकाशन. pp. 70–. ISBN 978-81-8143-246-9.
  4. "Bhimrao Ambedkar". c250.columbia.edu. Retrieved 2018-03-16.
  5. Patil, Manohar. "Lokrajya April 2017". reliableacademy.com. Retrieved 2018-03-14.
  6. Patil, Manohar. "Lokrajya December 2017". reliableacademy.com. Retrieved 2018-03-14.